Application In Temple For Transfer: तबादले के लिए इस मंदिर में अर्जियां लगाते हैं कर्मचारी-अधिकारी, जीर्णोद्धार से बदला मंदिर का स्वरूप

Application In Temple For Transfer: आगर मालवा के सुसनेर शहर का एक ऐसा मंदिर जहां भक्तों की मन्नतें पूरी होती है। यहां ट्रांसफर के लिए अर्जियां लगती हैं।
application in temple for transfer  तबादले के लिए इस मंदिर में अर्जियां लगाते हैं कर्मचारी अधिकारी  जीर्णोद्धार से बदला मंदिर का स्वरूप

Application In Temple For Transfer: आगर मालवा। जिले के सुसनेर शहर का एक ऐसा मंदिर जो न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण की मिसाल है बल्कि भक्तों की मन्नतें पूरी करने के मामले में भी प्रसिद्ध है। हम बात कर रहे हैं शहर के पुराने तहसील कार्यालय परिसर में स्थित श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर की। यहां रविवार को अन्नकूट महोत्सव मनाया जाएगा। यह मंदिर काफी पुराना औऱ पर्यावरण के लिहाज से सुर्खियों में भी बना रहता है।

ट्रांसफर के लिए लगती है अर्जी

यहां की मान्यता है कि शासकीय विभागों में तबादला करवाने के लिए भक्त लिखित में अर्जी लगाते हैं। जब तबादला मनपंसद स्थान पर हो जाता है तो वे हनुमानजी का चोला चढ़ाकर सुंदरकांड का पाठ करवाते हैं। मंदिर का निर्माण करीब 50 वर्ष पूर्व तत्कालीन नायब नाजीर ने ग्रामों के चौकीदारों से सहयोग निधि एकत्रित कर किया था। बाद में बिना अनुमति मंदिर निर्माण कराने पर नायब नाजीर को निलंबित भी किया गया था।

अर्जी लगाने के बाद तबादले में शामिल न्यायालयीन कर्मचारी रवि वर्मा जो धार जिले के मनावर के निवासी हैं। उनका स्थानांतरण अलीराजपुर हो गया है। रवि ने जनवरी 2015 में अर्जी लगाई थी। वर्मा के अनुसार उनके अलावा न्याय विभाग में स्टेनो भोपाल निवासी नीरज वर्मा, उज्जैन निवासी राजेंद्र ललावत और संदीप चौरसिया जो छिंदवाड़ा निवासी है, उनका भी तबादला हुआ है। इसके अतिरिक्त कई अन्य लोगों के तबादले हुए हैं।

पहले दर्शन फिर काम शुरू

परिसर में स्थित सभी कार्यालयों के कर्मचारी मंदिर में दर्शन करने के बाद ही कार्य शुरू करते हैं। इसके अतिरिक्त आधे से अधिक नगरीय क्षेत्र के भक्त भी यहां दर्शन करने आते हैं। न्यायालीन प्रक्रिया में उलझे निराश लोगों की इच्छाएं भी यहां से पूर्ण होती हैं। इससे हनुमानजी को मन्नत पुरी करने वाला भी माना जाने लगा है। इस वर्ष भी संकट मोचन के दरबार में अन्नकूट महोत्सव होगा।

इसे लेकर मंदिर को सजाया गया। हजारों भक्त धर्म लाभ अर्जन करने के लिए पहुंचेंगे। दोपहर में संगीतमय सुंदरकांड पाठ होगा। उसके पश्चात आरती के बाद भोग लगाकर प्रसादी वितरण का शुभारंभ होगा। मंदिर में कुछ वर्षों में भक्तों की आस्था इतनी बढ़ी कि परिसर में शिव परिवार की स्थापना करने के बाद अलग से मंदिर बनाकर के राम दरबार की भी स्थापना कर दी।

ये भी पढ़ें: Shivpuri Fire News: शिवपुरी में झोपड़ी में आग लगने से दादा और 2 पोतियों की दर्दनाक मौत

ये भी पढ़ें: Pigeon Dispute Ganjbasoda: छत पर कबूतर बैठने को लेकर विवाद, झगड़े में गई एक की जान

Tags :

.