RBI MPC Meet 2024: कर्जदारों के लिए RBI का अहम फैसला, रेपो रेट में फिर नहीं किया कोई बदलाव

RBI MPC Meet 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी इस बार पूर्ण बहुमत के आंकड़े से कुछ सीटें दूर रह गई। लेकिन इसके बावजूद देश में एक बार फिर NDA की सरकार बनने जा रही है। नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी...
rbi mpc meet 2024  कर्जदारों के लिए rbi का अहम फैसला  रेपो रेट में फिर नहीं किया कोई बदलाव

RBI MPC Meet 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी इस बार पूर्ण बहुमत के आंकड़े से कुछ सीटें दूर रह गई। लेकिन इसके बावजूद देश में एक बार फिर NDA की सरकार बनने जा रही है। नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार पीएम के रूप में शपथ लेंगे। इसी बीच आरबीआई की एमपीसी बैठक से जुड़ी एक बहुत बड़ी खबर सामने आ रही है। आरबीआई ने लगातार आठवीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। यानी रेपो रेट 6.50 फीसदी पर बरकरार रहेगी।

आरबीआई की एमपीसी बैठक में लिया फैसला:

पिछले तीन दिन से जारी आरबीआई की एमपीसी बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। बता दें इसकी जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि 'आरबीआई की एमपीसी बैठक में रेपो रेट स्थिर रखने का फैसला लिया गया है। यानी रेपो रेट 6.50 फीसदी पर बरकरार रहेगा। रेपो रेट स्थिर रहने से लोन धारकों की लोन ईएमआई में कोई बदलाव नहीं होगा।' बता दें लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद आरबीआई की एमपीसी की बैठक हुई, जिसमें रेपो रेट को लेकर अहम फैसला लिया गया है।

लोन धारकों की लोन ईएमआई में कोई बदलाव नहीं:

आरबीआई की इस बैठक का लोन धारकों को काफी इंतज़ार था। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को मुंबई में शुरू हुई बैठक के नतीजों की घोषणा की। रेपो रेट स्थिर रहने से लोन धारकों की लोन ईएमआई में कोई बदलाव नहीं होगा। रिजर्व बैंक ने आखिरी बार फरवरी 2023 में ब्याज दर में संशोधन करते हुए इसे 25 आधार अंक बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया था। रिवर्स रेपो रेट (रिवर्स रेपो रेट) की बात करें तो यह 3.35% होगी, स्थायी जमा सुविधा दर 6.25% होगी।

इस वजह नहीं हुआ बदलाव:

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि 'एमपीसी के 6 में से 4 सदस्यों ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने की सिफारिश की है। वह रेपो रेट को यथावत रखने के पक्ष में थे।' बता दें कि नए वित्त वर्ष की यह दूसरी एमपीसी बैठक है और फिलहाल रेपो रेट 6.50 फीसदी तय है। रिजर्व बैंक ने आखिरी बार फरवरी 2023 में ब्याज दर में संशोधन करते हुए इसे 25 आधार अंक बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया था। तब से कोई बदलाव नहीं किया गया है।

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