जोसलर एनर्जी ने हथ कंसल्टेंट्स और IGL से मिलाया हाथ, गैस रिसाव रोकथाम में महत्वपूर्ण कदम

Sudhanshu Mehta Josler Energy: जोसलर एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड भारत के पेट्रोलियम अन्वेषण और उत्पादन के क्षेत्र में विशेष स्थान रखती है। जोसलर एनर्जी प्राइवेट (Sudhanshu Mehta Josler Energy) पिछले कई सालों से इस क्षेत्र में किए नवाचार भी किए है।...
जोसलर एनर्जी ने हथ कंसल्टेंट्स और igl से मिलाया हाथ  गैस रिसाव रोकथाम में महत्वपूर्ण कदम

Sudhanshu Mehta Josler Energy: जोसलर एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड भारत के पेट्रोलियम अन्वेषण और उत्पादन के क्षेत्र में विशेष स्थान रखती है। जोसलर एनर्जी प्राइवेट (Sudhanshu Mehta Josler Energy) पिछले कई सालों से इस क्षेत्र में किए नवाचार भी किए है। अब जोसलर एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड ने नए कीर्तिमान को स्थापित करने की दिशा में एक और कदम रखा है। बता दें ह्यूस्टन में हुए GASTECH 2024 में IGL और हथ कंसल्टेंट्स के बीच MoU साइन हुआ है, जिसमें जोसलर एनर्जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह भारत में प्राकृतिक गैस रिसाव रोकथाम प्रौद्योगिकी की प्रगति में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Sudhanshu Mehta Josler Energy

यह नेटवर्क देश के कई राज्यों में फैला हुआ:

हथ कंसल्टेंट्स की अत्याधुनिक गैस रिसाव पहचान प्रौद्योगिकी अब जोसलर एनर्जी की मदद से IGL के व्यापक गैस वितरण नेटवर्क में जोड़ी जाएगी। इस समझौते के तहत आईजीएल के व्यापक गैस वितरण नेटवर्क में अपने भारतीय साझेदार जोसलर एनर्जी के माध्यम से हीथ कंसल्टेंट्स के साथ मिलकर उन्नत गैस रिसाव का पता लगाने वाली तकनीकों पर कार्य होगा। यह नेटवर्क दिल्ली एनसीआर, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे प्रमुख क्षेत्रों तक फैला हुआ है, जो इसे भारत में सबसे बड़े शहरी गैस वितरण प्रणालियों में से एक बनाता है। गैस रिसाव सर्वेक्षण के क्षेत्र में जोसलर एनर्जी पहले ही ख़ास पहचान रखती है। अब तकनीकी विशेषज्ञता के साथ इस साझेदारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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2019 से गैस रिसाव सर्वेक्षण परियोजनाएं शुरू:

जोसलर के सीएमडी श्री सुधांशु मेहता की दूरदर्शिता से प्रेरित होकर, कंपनी ने विभिन्न सिटी गैस वितरण उपयोगिता कंपनियों के नेटवर्क के भीतर ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन से लड़ने के लिए 2019 से गैस रिसाव सर्वेक्षण परियोजनाएं शुरू कीं। अब तक जोसलर ने 20,000 से अधिक किलोमीटर से अधिक लंबी भूमिगत पाइपलाइनों की सफलतापूर्वक जांच की, और न सिर्फ जांच की बल्कि रिसाव का पता लगाया है जो नागरिकों और ऑपरेटर दोनों की सुरक्षा, पर्यावरण की रक्षा करता है और गैस रिसाव से होने वाले वित्तीय नुकसान को रोकने में मदद करता है।

इस समझौते से मिशन को और मजबूती देगी: सीएमडी श्री सुधांशु मेहता

बता दें एमओयू पर हस्ताक्षर के दौरान जोसलर के सीएमडी श्री सुधांशु मेहता ने स्थिरता और सुरक्षा दोनों के प्रति जोसलर एनर्जी की अटूट प्रतिबद्धता होने का वचन दोहराया। उन्होंने देशभर में गैस रिसाव का पता लगाने में कंपनी के व्यापक अनुभव पर जोर दिया और कहा कि "इस क्षेत्र में 90 वर्षों से अधिक की विशेषज्ञता के साथ एक वैश्विक नेता है। भारत की प्राकृतिक गैस संरचना को सुरक्षित और अधिक कुशल बनाने के लिए इसके साथ हमारी साझेदारी मिशन को और मजबूती देगी।"

भारत के हरित भविष्य के साथ तालमेल:

यह सहयोग भारत के हरित और अधिक स्थाई भविष्य की ओर बढ़ने का समर्थन करता है। जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के कार्बन पदचिह्न को कम करने के अपने चल रहे प्रयासों में जोर दिया है। इस सहयोग में जोसलर की भूमिका ऊर्जा क्षेत्र में नवीन और आर्थिक रूप से सुदृढ़ समाधान प्रदान करने के लिए इसके निरंतर समर्पण को रेखांकित करती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि भारत टिकाऊ ऊर्जा क्षेत्र में सबसे आगे बना रहे।

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