Indore Fraud Case: लग्जरी वाहन किराए पर लेकर बेचने वाला गिरोह पकड़ा, 7 गाड़ियां भी बरामद
Indore Fraud Case: इंदौर। इंदौर जिले में इन दिनों वाहन चोरी और धोखाधड़ी की काफी खबरें आ रही हैं। ऐसे ही एक मामले में पुलिस ने इटारसी और छिंदवाड़ा से दो युवकों को गिरफ्तार किया है। ये दोनों लग्जरी वाहन किराए पर लेने के बाद उन्हें फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार करते थे। इसके बाद ये उन वाहनों को फर्जी दस्तावेजों (Indore Fraud Case) के साथ एमपी सहित अन्य राज्यों में बेच देते। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर एक करोड़ 90 लाख रुपए की कीमत के वाहन जप्त किए हैं।
पुलिस ने दी यह जानकारी
डीसीपी अभिनव विश्वकर्मा ने पूरे मामले में जानकारी देते हुए बताया कि लसूड़िया थाना पुलिस के पास एक फरियादी रोहित यदुवंशी ने शिकायत की थी। उसने अपनी शिकायत में कहा था कि वह किराए पर वाहन उपलब्ध कराने की कंपनी संचालित करते हैं और इसी के तहत उन्होंने कुछ दिन पहले इटारसी के रहने वाले प्रतीक चौधरी को महिंद्रा थार और स्विफ्ट गाड़ियां किराए पर उपलब्ध कराई थी। गाड़ियां किराए पर लेने के बाद कुछ महीनों तक तो किराया आया लेकिन उसके बाद किराया आना बंद हो गया। जांच पड़ताल पर पता चला कि किराए पर दिए गए दोनों चार पहिया वाहन किसी अन्य व्यक्ति को बेच दिए गए हैं।
करोड़ों की कीमत के 7 वाहन भी बरामद हुए
रोहित यदुवंशी द्वारा दी गई शिकायत पर कार्यवाही करते हुए लसूड़िया थाना पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की। पुलिस ने कार्यवाही के दौरान ही प्रतीक और जितेंद्र नामक युवकों को भी पकड़ा और उनके पास से सात वाहन जब्त किए गए, जिनकी बाजार कीमत करीब एक करोड़ 90 लाख रुपए बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि इन वाहनों के फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार किए जाते थे और फिर इन्हें अन्य लोगों को बेच दिया जाता था।
अन्य आरोपियों की धरपकड़ के लिए विशेष टीम गठित
पुलिस ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि छिंदवाड़ा में किराए के वाहन की आवश्यकता बताकर लोगों से वाहन किराए पर लिए जाते थे। इसके बाद इन वाहनों को फर्जीवाड़ा कर दूसरे स्थानों पर बेच दिया जाता था। महाराष्ट्र में भी वाहन बेचने की बात सामने आई है। फिलहाल पूरे गिरोह से जुड़े हुए अन्य फरार आरोपियों की तलाश के लिए पुलिस ने विशेष टीम गठित की है। उनकी धरपकड़ के लिए छानबीन की जा रही है।
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