Maha kumbh Mela : महाकुंभ स्नान से लौटते वक्त ये चीजे लाना बिल्कुल भी नहीं भूले, घर-परिवार में आएगी सुख समृद्धि
Maha kumbh Mela: हिन्दू धर्म में कुम्भ के मिले का बहुत महत्पूर्ण स्थान है। इस बार महाकुम्भ का आरम्भ 13 जनवरी से होने जा रहा है। आपको बता दें, महाकुम्भ 12 सालों में एक बार आता है। जिसमे करोड़ों श्रद्धालु भाग लेते हैं। यहां पर भक्तगण पवित्र नदियों के संगम में डुबकी लगाकर दान, ध्यान और आध्यात्म का अनुभव करते हैं। महाकुम्भ का मेला प्रयागराज में लगने वाला है। इस महाकुंभ का धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से काफी महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है, कि प्रयागराज में संगम तट पर जहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदी का संगम होता है, उसी स्थान पर स्नान करने से पाप कट जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। अगर आप इस बार महाकुम्भ में हिस्सा लेने जा रहें हैं, तो घर परिवार में सुख शांति और समृद्धि के लिए कुछ खास चीजों को अपने साथ लाना न भूलें। आइये जानते हैं क्या हैं ये चीजे
त्रिवेणी घाट का जल लाएं
जब आप महाकुम्भ से वापस लौटे तो प्रयागराज में स्थित संगम का जल लाना नहीं भूले। जिस स्थान पर गंगा, यमुना और सरस्वती का मिलन होता है, उसे त्रिवेणी संगम तट कहा जाता है। यहां स्नान के बाद थोड़ा सा जल अपने साथ घर लेकर जरूर आए, कहा जाता है कि ये जल बहुत ही पवित्र होता है और इसे घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है। इस जल को घर में लाकर हर कोने में छिड़क दें। इससे घर में पॉजिटिविटी का संचार होगा और आपकी परेशानियां खत्म होने लगेंगी।
संगम तट की मिट्टी
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि समुद्र मंथन के समय अमृत से भरे कलश की कुछ बूंदें यहीं पर गिरी थी। इसलिए इस जगह की मिट्टी अमृत समान होती है। घर लौटते समय संगम तट की थोड़ी सी मिट्टी घर ले आएं महाकुंभ की मिट्टी को घर में लाने से सभी तरह के ग्रह दोष समाप्त हो जाते हैं और ग्रहों की शुभ दशा शुरू हो जाती है।
महाकुंभ की पूजा के फूल और प्रसाद
त्रिवेणी संगम पर स्नान दान के बाद आप अपने साथ पूजा के फूलों को साथ में ला सकतें हैं। महाकुंभ के फूल बहुत ही पवित्र होते हैं , इनको घर में लाने से सभी तरह की परेशानियां दूर होती हैं और जीवन में सुख शांति का वास होने लगता है। इन फूलों को सुखाकर इन्हें तिजोरी में रखने से भी घर में धन की बरकत होने लगती है। इसके अलावा आप महाकुम्भ से लौटते समय उसका प्रसाद घर लाना बिल्कुल भी नहीं भूले। इस प्रसाद को घर परिवार के साथ साथ आस पास के लोगों में बांटने से पुण्य में बढ़ोतरी होती है।
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