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Mahakumbh 2025 : क्या आप जानते हैं कुंभ मेले में क्यों होते हैं अखाड़े, क्या है इनका महत्व

कुंभ मेला बारह साल में एक बार आता है। यह हिन्दू धर्म के एक बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व और मेलों में से एक है।
05:01 PM Dec 26, 2024 IST | Jyoti Patel
Mahakumbh 2025

Mahakumbh 2025 : कुंभ मेला बारह साल में एक बार आता है। यह हिन्दू धर्म के एक बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व और मेलों में से एक है। यह ना सिर्फ भारत बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है। इस मेले में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं। यह मेला संगम तट पर लगता है। मान्यता है कि कुंभ में स्नान करने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। आपने टीवी चैनल और अखबारों में अलग-अलग अखाड़ों के नाम सुने होंगे। इस मेले में लगने वाले अखाड़ों का विशेष स्थान है, जो धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्व रखते हैं।आमतौर पर अखाड़े को पहलवानी और कुश्ती से जोड़कर देखा जाता है। लेकिन कुंभ मेला आयोजन के दौरान ''अखाड़े'' मुख्य रूप से साधु संतों के समूह होते हैं, जो अपनी विशेष परंपराओं और आस्थाओं के आधार पर एकजुट होते हैं। आज हम आपको इन अखाड़ों के महत्व के बारे में बताएँगे।

क्या होता है, अखाड़े का महत्व

कुंभ मेले में लगने वाले अखाड़ों का उद्देश्य हिंदू धर्म का प्रचार-प्रसार करना और समाज को धार्मिक मार्गदर्शन करना होता है। यह अखाड़े समाज में धार्मिक जागरूकता फैलाने, साधना, तपस्या और साधु जीवन की महत्वता को समझाते हैं। कुम्भ के मेले में अलग-अलग अखाड़ों के संत भाग लेते हैं।

अखाड़े धार्मिक अनुष्ठानों, ग्रंथों और परंपराओं को संरक्षित करके आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाने काम करते हैं। इसके अलावा कुंभ मेले में साधु संतों का समूह अपनी विशेष परंपराओं के अनुसार धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन भी करता है। आपको बता दें कि कुंभ मेले में लगने वाले अखाड़ों का नेतृत्व महंत या आचार्य करते हैं, जो अखाड़े के कार्यों का संचालन करते हैं और अपने अनुयायियों को हिंदू धर्म, आचार और व्यवहार के प्रति जागरुक करते हैं.

अखाड़े की भूमिका

अखाड़े विशेष रूप से हिंदू धर्म की धार्मिकता और साधना का प्रतीक माने जाते हैं। आपको बता दें कि साल 2025 में कुंभ मेला प्रयागराज में 13 जनवरी पौष पूर्णिमा की तिथि से शुरू हो रहा है, 26 फरवरी शिव रात्रि के दिन समाप्त हो रहा है। इस दौरान कई शुभ तिथियां पड़ेंगी जिन्हें स्नान के लिए शुभ माना गया है, जो इस प्रकार हैं...

13 जनवरी 2025 पौष पूर्णिमा तिथि
14 जनवरी 2025, मकर संक्रांति
29 जनवरी 2025, मौनी अमावस्या
03 फरवरी 2025, बसंत पंचमी
12 फरवरी 2025, माघ पूर्णिमा
26 फरवरी 2025, महाशिवरात्रि

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