महाशिवरात्रि पर हुआ महाकुंभ का समापन, 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने किया स्नान

मेला प्रशासन से जुड़े अधिकारियों के अनुसार महाशिवरात्रि को दोपहर चार बजे तक लगभग 1.32 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में स्नान करने पहुंचे थे, जिसके बाद महाकुंभ में स्नान करने वाले कुल श्रद्धालुओं की संख्या 66.09 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई।
महाशिवरात्रि पर हुआ महाकुंभ का समापन  66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने किया स्नान

Mahakumbh 2025: महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर महाकुंभ मेला अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंचा। इस बार महाकुंभ का आयोजन विशेष रूप से ऐतिहासिक था, जिसमें 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने भाग लिया और संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाकर पुण्य लाभ प्राप्त किया। मेला प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, महाशिवरात्रि को दोपहर चार बजे तक लगभग 1.32 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में स्नान करने पहुंचे थे, जिसके बाद महाकुंभ में स्नान करने वाले कुल श्रद्धालुओं की संख्या 66.09 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई।

महाकुंभ के दौरान उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, ऐसे थे सुरक्षा इंतजाम

इस वर्ष महाकुंभ के दौरान प्रशासन ने श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष सुरक्षा इंतजाम किए थे। महाकुंभ के दौरान हुए भगदड़ जैसी घटनाओं को ध्यान में रखते हुए, सुरक्षा बल हर समय सतर्क रहे। किसी भी स्थान पर अधिक भीड़ नहीं जमा होने दी गई, और लोगों को कोई असुविधा न हो, इसके लिए वीवीआईपी प्रोटोकॉल को भी रद्द कर दिया गया था। हालांकि इसके बावजूद भी कुछ घटनाएं हुई जिनमें कई लोगों की मृत्यु हो गई और काफी घायल भी हो गए।

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इसलिए आयोजित किया जाता है महाकुंभ का मेला

हिंदू धर्म की पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन से अमृत कलश प्राप्त हुआ था, और इसकी कुछ बूंदें पृथ्वी पर विभिन्न स्थानों पर गिरीं। जिन स्थानों पर अमृत की बूंदें गिरी, उन्हीं स्थानों पर वर्तमान में कुंभ मेले (Mahakumbh 2025) का आयोजन किया जाता है। महाकुंभ के छह स्नान पर्वों में से तीन विशेष अमृत स्नान के दिन होते हैं, जो मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी पर होते हैं। इस बार भी, श्रद्धालुओं ने इन पवित्र दिनों का लाभ उठाया और संगम में स्नान किया।

देखते ही बन रहा था देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं का उत्साह

महाकुंभ में सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि नेपाल, भूटान तथा विश्व के अन्य देशों से भी हजारों श्रद्धालु आए। नेपाल के जनकपुर से आए तीर्थयात्रियों ने महाकुंभ में पवित्र डुबकी लगाई और अपनी धार्मिक आस्था को प्रकट किया। वे कहते हैं कि इस ऐतिहासिक अवसर पर भाग लेना उनके लिए गौरव की बात है। उनके अनुसार, महाकुंभ में हिस्सा लेने से पहले, वे अयोध्या के राम मंदिर के दर्शन करने गए, साथ ही वे देश के अन्य धार्मिक स्थलों पर भी दर्शन करेंगे।

Mahakumbh 2025

महाशिवरात्रि पर हुई विशेष पुष्प वर्षा

महाशिवरात्रि के दिन श्रद्धालुओं पर गुलाब की 120 क्विंटल पंखुड़ियों की पुष्प वर्षा की गई, जिससे वातावरण में एक अद्भुत दिव्यता और श्रद्धा का अहसास हुआ। इस पुष्प वर्षा के माध्यम से श्रद्धालुओं का स्वागत किया गया और यह पर्व और भी पवित्र और भव्य बना। महाकुंभ (Mahakumbh 2025) के समापन पर स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि संगम पर सनातन धर्म का अद्भुत संगम देखने को मिला। उन्होंने इस आयोजन की व्यवस्था की सराहना की और कहा कि इस दौरान, संगम की सफाई में मदद करने के लिए वह दो और दिन तक रहेंगे।

महाकुंभ 2025 का हुआ ऐतिहासिक समापन

महाकुंभ 2025 का समापन महाशिवरात्रि के दिन हुआ, जिसमें देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाकर इस भव्य धार्मिक उत्सव को समाप्त किया। इस पावन अवसर पर भारतीय संस्कृति और आस्था के विविध रूप सामने आए। कुंभ मेला का आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज को एकता और सामूहिक श्रद्धा की शक्ति का अहसास भी कराता है।

Mahakumbh 2025
Mahakumbh 2025

2027 में नासिक में लगेगा कुंभ का मेला

महाकुंभ (Mahakumbh 2025) की सफलता और इसके आयोजनों को लेकर स्वामी चिदानंद सरस्वती और अन्य नेताओं ने मेला प्रशासन की सराहना की और इस प्रकार के आयोजनों को भविष्य में और भी सशक्त और सुरक्षित बनाने की बात कही। महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन ने कहा कि नासिक में 2027 में होने वाले कुंभ मेले के आयोजन को लेकर यूपी की तरह एक अधिनियम लाने पर विचार किया जा रहा है। इस कानून से कुंभ मेला का आयोजन और भी व्यवस्थित और प्रभावी तरीके से किया जा सकेगा।

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