Mahakumbh 2025: ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर नाराज हुए संत, किन्नर अखाड़ा को बताया फर्जी विश्वविद्यालय
Mahakumbh 2025: लगभग 144 वर्ष बाद विशेष मुहूर्त में हो रहा इस बार का महाकुंभ धर्म और आध्यात्म से अलग अन्य वजहों से चर्चा में है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में इस बार IIT बाबा, मोनालिसा और किन्नर अखाड़ा तो चर्चा का विषय बन ही चुके हैं, अब इनमें बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी का नाम भी शामिल हो गया है। हाल ही किन्नर अखाड़े द्वारा ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर की उपाधि दी गई है जिस पर संत समाज की नाराजगी खुलकर सामने आई है। इस पूरे मुद्दे पर संत समाज भी दो अलग-अलग गुटों में बंटा हुआ नजर आ रहा है।
ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर है आपत्ति
दरअसल भारत की आध्यात्मिक संस्कृति में अखाड़ों की परंपरा रही है। इन अखाड़ों में गुरु-शिष्य परंपरा के माध्यम से धर्म और चेतना का जागरण किया जाता है। एक सामान्य व्यक्ति एक शिष्य के रूप में अखाड़ों में प्रवेश करता है। इसके बाद कठोर दिनचर्या का पालन करते हुए कठिन साधनाओं को पूरा कर महामंडलेश्वर या गुरु पद तक पहुंचता है। परंतु इन दिनों ऐसा देखने में आया है कि किसी भी व्यक्ति को महामंडलेश्वर घोषित कर दिया जाता है। यदि किसी बाहरी साधक को भी महामंडलेश्वर बनाया जाता है तो संतों द्वारा उसकी सामाजिक, मानसिक, पारिवारिक और आध्यात्मिक पृष्ठभूमि की जांच की जाती है, उसके बाद ही उसे इस पद पर आसीन किया जाता है।
अर्द्धनग्न पोज देने से लेकर अंडरवर्ल्ड के साथ संबंधों तक, हर जगह ममता है विवादों में घिरी
बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी अर्द्धनग्न पोज देने से लेकर गैंगस्टर अबू सलेम के साथ तक हमेशा विवादों में रही है। उन्होंने कभी हिंदू धर्म को लेकर उत्साह नहीं दिखाया परंतु अब अचानक ही वह ग्लैमर इंडस्ट्री छोड़ कर आध्यात्म जगत में आई और उन्हें तुरंत ही किन्नर अखाड़ा द्वारा महामंडलेश्वर भी बना दिया गया। इसी बात पर संत समाज नाराज है। उनका कहना है कि ममता कुलकर्णी के मामले में धार्मिक परंपराओं (Mahakumbh 2025) की अनदेखी की गई है जबकि किन्नर अखाड़े ने कहा है कि विधिवत प्रक्रिया का पालन करने के बाद ही एक्ट्रेस को महामंडलेश्वर बनाया गया है। बिना सन्यासी जीवन जिए ही ममता को महामंडलेश्वर बना कर नया नाम श्रीयामाई ममतानंद गिरी दे दिया गया है।
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद भी आए विरोध में
ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद भी ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने के विरोध में उतर आए हैं। उन्होंने इसे धर्म (Mahakumbh 2025) का अपमान बताया है। साथ ही उन्होंने महाकुंभ में चल रही कई अन्य चीजों पर भी अपनी नाराजगी प्रकट की है। शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप ने भी इस मुद्दे पर कहा कि किन्नर अखाड़ा फर्जी विश्वविद्यालय है जो अवैध डिग्रीयां बांट रहा है। किन्नर अखाड़े के विरुद्ध धार्मिक भावना आहत करने का केस दर्ज होना चाहिए। इसी प्रकार प्रथम किन्नर कथावाचक हिमांगी सखी ने भी इस निर्णय को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि बिना मुंडन के किसी तरह सन्यास दिया जा सकता है, किस तरह किसी को महामंडलेश्वर बनाया जा सकता है। यह पूरी तरह से गलत है।
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