Vinayak Chaturthi 2024: जून में पड़ने वाली विनायक चतुर्थी का विशेष है महत्व, जानिए सही डेट और पूजन विधि
Vinayak Chaturthi 2024: विनायक चतुर्थी, जिसे गणेश चतुर्थी के रूप में भी जाना जाता है, एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो भगवान गणेश (Vinayak Chaturthi 2024) को समर्पित है। हाथी के सिर वाले देवता बाधाओं को दूर करने वाले और ज्ञान और समृद्धि के देवता के रूप में प्रतिष्ठित हैं। इस वर्ष जून में पड़ने वाली विनायक चतुर्थी का विशेष महत्व है, और दुनिया भर में भक्त देवता का सम्मान करने के लिए विभिन्न अनुष्ठानों और प्रथाओं में शामिल होंगे।
जून 2024 में विनायक चतुर्थी की सटीक तारीख
विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi 2024 )सोमवार, 10 जून को मनाई जाएगी। यह शुभ दिन चंद्र कैलेंडर के आधार पर निर्धारित किया जाता है और हिंदू महीने आषाढ़ में शुक्ल पक्ष के चौथे दिन को होता है। विनायक चतुर्थी तिथि के लिए विशिष्ट समय और पूजा के लिए सबसे शुभ समय, जिसे दोपहर अवधि के रूप में जाना जाता है, सटीक गणना के लिए पंचांग का उपयोग करके जांचा जा सकता है।
जून में विनायक चतुर्थी का विशेष महत्व
यह अवधि भारत में गर्मी (Vinayak Chaturthi 2024 )के महीनों से मानसून के मौसम में संक्रमण का प्रतीक है। भक्त भगवान गणेश से सुचारु संक्रमण और इस दौरान होने वाली आम बीमारियों से सुरक्षा के लिए प्रार्थना करते हैं। किसान अच्छे मानसून के मौसम के लिए भगवान गणेश का आशीर्वाद मांगते हैं।
विनायक चतुर्थी की पूजा विधि
उस क्षेत्र को अच्छी तरह से साफ करना शुरू करें जहां पूजा की जाएगी।
एक ऊंचे मंच पर साफ कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
फूल, दूर्वा घास, मोदक, अगरबत्ती, दीपक और फल जैसी आवश्यक वस्तुएं इकट्ठा करें।
पूजा विधि
पूजा को भक्ति और ईमानदारी से करने का संकल्प लें। पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके आरामदायक स्थिति में बैठें और भगवान गणेश का संकल्प करें। “ओम गं गणपतये नमः" मंत्र का प्रयोग आमतौर पर किया जाता है।
षोडशोपचार (16 गुना पूजा)
भगवान गणेश (Vinayak Chaturthi 2024 ) को अपने घर और हृदय में आमंत्रित करें। देवता को आसन चढ़ाएं। प्रतीकात्मक रूप से देवता के पैर धोना। भगवान गणेश को जल चढ़ाएं। देवता को जल अर्पित करें। मूर्ति को पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी और चीनी का मिश्रण) और उसके बाद पानी से स्नान कराएं। मूर्ति को नए कपड़े या कपड़े का एक टुकड़ा चढ़ाएं। एक पवित्र धागा चढ़ाएं। मूर्ति पर चंदन का लेप लगाएं। ताजे फूल और दूर्वा घास चढ़ाएं। अगरबत्ती जलाएं और उन्हें देवता को अर्पित करें। दीपक जलाएं और आरती करें। भगवान गणेश को मोदक, फल और अन्य मिठाइयाँ चढ़ायें। पान के पत्ते और मेवे चढ़ाएं। भगवान गणेश की स्तुति में भजन गाते हुए आरती करें। देवता के चारों ओर एक परिक्रमा करें।
भगवान गणेश (Vinayak Chaturthi 2024 )का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए गणेश मंत्रों और गणेश अथर्वशीर्ष, गणेश चालीसा और गणपति उपनिषद जैसे स्तोत्रों का पाठ करें। यदि मिट्टी की मूर्ति का उपयोग कर रहे हैं, तो मूर्ति को पानी में डाल कर विसर्जन करें, जो देवता की अपने दिव्य निवास में वापसी का प्रतीक है। यह परंपरा के आधार पर उसी दिन के बाद किया जा सकता है।