Action Against Private Schools :नहीं थम रही जबलपुर में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी, अब कड़ी कार्रवाई की तैयारी

Action Against Private Schools जबलपुर। एमपी के जबलपुर में प्राइवेट स्कूल संचालकों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही। जिला प्रशासन के कड़े एक्शन के बाद भी स्कूल संचालक मानने को तैयार नहीं । बुधवार को जिला कलेक्टर ने...
action against private schools  नहीं थम रही जबलपुर में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी  अब कड़ी कार्रवाई की तैयारी

Action Against Private Schools जबलपुर। एमपी के जबलपुर में प्राइवेट स्कूल संचालकों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही। जिला प्रशासन के कड़े एक्शन के बाद भी स्कूल संचालक मानने को तैयार नहीं । बुधवार को जिला कलेक्टर ने निजी स्कूल संचालकों के साथ बैठक कर एक बार फिर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।  

11 स्कूलों पर हुई थी कड़ी कार्रवाई

जबलपुर के प्राइवेट स्कूल और बुक सेलर्स के खिलाफ जिला प्रशासन ने पिछले महीने ही कड़ी कार्रवाई की थी।  11 प्राइवेट स्कूलों जिन पर बच्चों से 81 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि फीस के रूप में वसूलने का आरोप था,उन पर कार्रवाई हुई थी। इस मामले में  51 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज किया गया था और  20 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। इतनी सख्त कार्रवाई के बाद भी शिक्षा माफिया कई तरह के हथकंडे अपना रहा है। मप्र में 18 जून से गर्मी की छुट्टी खत्म होने के बाद भी शिक्षा माफिया ने जिला प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए अब तक स्कूल नहीं खोले हैं।

क्या है पूरा मामला ?

गौरतलब है कि अभिभावकों की सैकड़ों शिकायत मिलने के बाद जबलपुर  जिला प्रशासन ने मई महीने में ही निजी स्कूलों में फीस बढ़ोत्तरी सहित कई मामलों की जांच कराई थी। जांच में इस बात का खुलासा हुआ था कि  11 विद्यालयों ने 21 हजार छात्रों से  लगभग एक साल में  81 करोड़ 30 लाख रुपये की अतिरिक्त वसूली की थी। जिला प्रशासन ने यह भी खुलासा किया कि ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए 80 प्रतिशत फर्जी किताबों को कोर्स में जोड़ा गया। हैरान करने वाली बात सामने आई कि कमीशनखोरी में अनावश्यक पुस्तकों के अतिरिक्त भार, फर्जी और डुप्लीकेट पुस्तकें आदि से सात लाख विद्यार्थियों से 240 करोड़ रुपये की वसूली की गई है। 

जिला प्रशासन ने दिए सख्त निर्देश

बता दें कि जिला कलेक्टर की कार्रवाई से नाराज निजी स्कूल संचालक हर तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। प्राइवेट स्कूल संचालकों ने कलेक्टर से मिलने की मांग की तब जिलाधिकारी ने बुधवार की शाम पांच बजे स्कूल संचालको की एक बैठक बुलाई । कलेक्टर दीपक सक्सोना ने करीब ढ़ाई से 3 घंटे तक निजी स्कूल संचालकों की फीस वसूली, आईएसबीएन नम्बर किताबों के फर्जीवाड़े सहित तमाम अहम मसलों पर चर्चा की। बैठक में जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना ने निजी स्कूल संचालकों को दो  टूक जवाब देते हुए कह दिया कि  छात्रों और अभिभावकों के साथ किसी भी सूरत में अन्याय नहीं होने देंगे।

निजी स्कूलों को अतिरिक्त राशि लौटाने का निर्देश

गौरतलब है कि जबलपुर कलेक्टर ने एक बार फिर 11 विद्यालयों को निर्देश दिया है कि जो अतिरिक्त राशि फीस के रूप में वसूली गई है उसे 30 दिन के अंदर अभिभावकों को सूद सहित वापस करें। इसके साथ ही स्कूलों पर  22 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। बताते चलें कि जिला प्रशासन के निर्देश पर  मई महीने में ही  निजी स्कूलों के प्राचार्यों,संचालकों, प्रकाशकों सहित 51 लोगों के खिलाफ धारा 420 409 468 471 के तहत केस दर्ज किया गया था। इस मामले में  पुलिस ने अब तक 21 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

अभिभावकों के साथ भी कलेक्टर ने की बैठक

जबलपुर जिला कलेक्टर ने निजी स्कूल संचालकों के साथ कई घंटों की मैराथन बैठक के बाद अभिभावकों के साथ भी एक बैठक की। दीपक सक्सेना ने अभिभावकों को भरोसा दिलाया कि निजी स्कूलों की मनमानी ,ज्यादा फीस वसूली सहित तमाम मसलों की गंभीरता से जांच हो रही है और जरूरी कार्रवाई बी हो रही है।  

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