Fatty Liver Disease: फैटी लिवर बीमारी ले रहा है विकराल रूप, बच्चे भी नहीं हैं इससे अनछुए, जानें उपाय

फैटी लिवर रोग तब होता है जब लिवर सेल्स में एक्स्ट्रा फैट जमा हो जाती है। इससे लिवर फंक्शन पर असर पड़ता है। यह दो तरह के होते हैं
fatty liver disease  फैटी लिवर बीमारी ले रहा है विकराल रूप  बच्चे भी नहीं हैं इससे अनछुए  जानें उपाय

Fatty Liver Disease: फैटी लिवर डिजीज धीरे-धीरे अब विकराल रूप लेती जा रही है। इस बीमारी का शिकार जहां पहले बड़े लोग ही हुआ करते थे अब बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। ख़राब जीवन शैली, ज्यादा जंक फ़ूड और व्यायाम की कमी बच्चों की भी इस बीमारी (Fatty Liver Disease) का शिकार बना रही है।

एक अनुमान के अनुसार, भारत में 38.6% वयस्क और 35.4% बच्चे नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग (Non-Alcoholic Fatty Liver Disease) से पीड़ित हैं। यह वैश्विक औसत 25% से बहुत ज़्यादा है। जानकारी के अनुसार, देश में हर तीन में से एक बच्चा फैटी लिवर डिजीज (Fatty Liver Disease) का शिकार हैं। भारत पहले ही विश्व का डायबिटीज कैपिटल बन चुका है। ऐसे में फैटी लिवर की बीमारी देश को एक बड़े स्वास्थ्य समस्या की ओर झोंक सकती है।

क्या होती है फैटी लिवर डिजीज?

फैटी लिवर रोग (Liver Disease) तब होता है जब लिवर सेल्स में एक्स्ट्रा फैट जमा हो जाती है। इससे लिवर फंक्शन पर असर पड़ता है। यह दो तरह के होते हैं। गैर-अल्कोहल फैटी लिवर रोग (NAFLD) और अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग (AFLD). गैर-अल्कोहल फैटी लिवर रोग (NAFLD) मोटापे, खराब डाइट और मेटाबॉलिज़्म संबंधी विकारों से जुड़ा होता है। वहीं अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग (AFLD), अत्यधिक शराब के सेवन से होता है।

अपने शुरुआती चरणों में, फैटी लिवर (Fatty Liver) अक्सर बिना किसी लक्षण के होता है, लेकिन इससे थकान, पेट में तकलीफ या हल्का लिवर बढ़ सकता है। यदि इसका इलाज न किया जाए, तो यह सूजन, फाइब्रोसिस या सिरोसिस या लिवर फेलियर जैसी गंभीर स्थितियों में बदल सकता है।

फैटी लिवर बीमारी के लक्षण

थकान: खराब लीवर फंक्शन के कारण लगातार थकावट या कम ऊर्जा स्तर।
पेट में तकलीफ: पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में दर्द या भरापन महसूस होना।
अकारण वजन घटना: उन्नत मामलों में अचानक, अनजाने में वजन घटना।
बढ़ा हुआ लीवर: मेडिकल जांच के दौरान लीवर में सूजन या वृद्धि दिखना।
मतली या भूख न लगना: पाचन संबंधी समस्याएं जिससे भूख कम लगती है और कभी-कभी मतली आती है।
पीलिया होना: ज्यादा लिवर क्षति का संकेत, हालांकि शुरुआती चरणों में यह दुर्लभ है।
सूजन: गंभीर मामलों में पेट या पैरों में सूजन के कारण फ्लुइड रिटेंशन।

बच्चों में फैटी लिवर की बीमारी कैसे करें ठीक

बच्चों में फैटी लिवर (Fatty Liver Diseases in Children) की बीमारी को ठीक करने के लिए जीवनशैली में बदलाव करके इसके मूल कारणों को संबोधित करना शामिल है। फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन से भरपूर स्वस्थ आहार आवश्यक है, जबकि मीठे पेय, प्रोसेस्ड फ़ूड और एक्स्ट्रा फैट से परहेज करना चाहिए। नियमित शारीरिक गतिविधि जैसे चलना, साइकिल चलाना या खेलकूद लिवर की चर्बी को कम करने और समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।

धीरे-धीरे, स्थायी वजन घटाने के माध्यम से स्वस्थ (Fatty Liver Disease) वजन बनाए रखना महत्वपूर्ण है। पानी के साथ हाइड्रेशन को प्रोत्साहित करें और मीठे पेय पदार्थों को सीमित करें। प्रगति की निगरानी के लिए नियमित चिकित्सा जांच महत्वपूर्ण है। इंसुलिन प्रतिरोध या मोटापे जैसी स्थितियों के लिए, डॉक्टर की सिफारिशों का पालन करें।

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