Bada Ganpati Indore: इंदौर में है एशिया की सबसे बड़ी गणेश प्रतिमा, सवा मन चोला चढ़ाने पर होती है मनोकामना पूरी
Bada Ganpati Indore: इंदौर। इस वर्ष गणेश चतुर्थी का पर्व शनिवार, 7 सितंबर 2024 से आरंभ हो रहा है। इस दिन से ही देशभर में गणेशोत्सव की भी शुरूआत हो जाएगी। इस गणेश उत्सव को देखते हुए पूरे भारत के गणेश मंदिरों में मंदिर प्रशासन द्वारा अपने-अपने स्तर पर भव्य तैयारियां की जा रही है। मध्य प्रदेश में भी खजराना गणेश जी और बड़ा गणपति के मंदिर काफी प्रसिद्ध हैं। यदि हम इंदौर की बात करें तो यहां पर मौजूद बड़ा गणपति मंदिर (Bada Ganpati Indore) अपने आप में एक अनोखा अचरच है। यहां स्थापित गणपति प्रतिमा एशिया की सबसे ऊंची गणेश प्रतिमा है। इसकी ऊंचाई लगभग 51 फीट है।
100 वर्ष पहले राजघराने ने स्थापित करवाई थी प्रतिमा
इंदौर का बड़ा गणपति मंदिर यहां एक चौराहे पर स्थापित है। इसकी स्थापना तकरीबन 100 साल पहले दाधीच परिवार के बड़े-बुजुर्गों द्वारा की गई थी। उसके बाद से बड़ा गणपति चौराहे पर मौजूद बड़ा गणपति मंदिर की व्यवस्था दाधीच परिवार के लोगों के द्वारा ही की जा रही है। इस मंदिर को लेकर यह मान्यता है कि गणेश भगवान ने परिवार के मुख्य पुजारी को यह सपना दिया था कि इस चौराहे पर एक सबसे बड़ी मूर्ति की स्थापना की जाए।
भक्तों की समस्त इच्छाएं होती हैं पूर्ण
इसके बाद दाधीच परिवार ने इस स्वप्न की जानकारी होलकर परिवार को दी। उसके बाद होलकर राजघराने ने मुख्य पुजारी को दिए गए सपनों के बाद यहां पर एक बड़ी गणपति प्रतिमा की स्थापना को लेकर योजना बनाई। काफी कठिन परिश्रम और धैर्य के बाद राजघराना परिवार ने यहां पर एशिया के सबसे बड़े गणपति को विराजमान किया। आज भी इस प्रतिमा की पूजा होती है और कहा जाता है कि यहां मांगी गई हर चाह अवश्य पूर्ण होती है।
गणपति को चढ़ता है सवा मन का चोला
इस प्रतिमा की ऊंचाई लगभग 51 फुट के आसपास है। स्थापना के बाद से ही यहां पर हर साल गणेश उत्सव के दौरान अलग-अलग तरह के आयोजन होते हैं। मंदिर के मुख्य पुजारी धनेश्वर दाधीच बताते हैं कि यहां पर चार बार बड़ा गणपति जी को चोला चढ़ाया जाता है और जो चोला चढ़ाया जाता है, वह सवा मन का रहता है। स्थानीय लोगों में ऐसी मान्यता है कि यदि सवा मन सामग्री से भगवान गणेश (Bada Ganpati Indore) का श्रृंगार किया जाता है तो भगवान गणेश जी सभी की मनोकामना पूरी करते हैं।
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