Achleshwar Mahadev Mandir: महिला भक्त ने अचलेश्वर महादेव को ही बना दिया अपना वारिस, लाखों की जमा पूंजी की भगवान भोलेनाथ के नाम
Achleshwar Mahadev Mandir Gwalior: ग्वालियर। सनातन धर्म परंपरा में एक से बढ़कर एक भक्त हुए हैं जिन्होंने अपने इष्ट को पाने के लिए अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिए। ऐसे ही एक भक्त की कहानी मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भी सामने आई हैं। यहां पर भगवान शिव की एक महिला भक्त ने अचलेश्वर महादेव (Achleshwar Mahadev Mandir) को अपना वारिस मानते हुए मृत्यु पश्चात अपनी समस्त संपत्ति उन्हीं को सौंप दी है।
अविवाहित थी महिला, रिश्तेदारों के बजाय भगवान शिव को बनाया वारिस
जी हां, यह अनूठा मामला ग्वालियर के अचलेश्वर महादेव से जुड़ा है। आपने जीते जी भगवान को दान करने वाले भक्त देखे होंगे, परन्तु ग्वालियर में भोले बाबा की एक अनोखी भक्त की भक्ति देखने को मिली है। भगवान भोलेनाथ की भक्ति में लीन महिला ने मरने के बाद अचलेश्वर महादेव को ही अपना वारिस मानकर उन्हें लाखों रुपए की जमापूंजी सौंप दी। आपको बता दें कि महिला अविवाहित थी तथा उन्होंने अपने रिश्तेदारों को कुछ भी देने से बेहतर सब कुछ भगवान को ही सौंपना समझा।
ग्वालियर के लोहिया बाजार की रहने वाली माधुरी सक्सेना ने अपनी एलआईसी पॉलिसी में बाबा भोलेनाथ को ही अपना नॉमिनी बना दिया। उन्होंने अपने मरने के बाद अपनी पॉलिसी की पूरी रकम अचलेश्वर महादेव मंदिर को ही सौंप दी। उनकी बीमा सलाहकार सुषमा बंसल ने 29 अगस्त को अचलेश्वर महादेव मंदिर न्यास को 7 लाख 42 हजार 982 रुपए का चैक सौंपा। यह मामला अनोखा इसलिए भी है कि कोई भी व्यक्ति अपने देहांत के बाद अपने पुत्र-पुत्री एवं परिजनों को ही नॉमिनी नियुक्त करता है। परन्तु माधुरी ने अपने वारिस के रूप में भगवान शिव को ही चुना।
2017 में ही लिख दी थी वसीयत, मृत्यु पश्चात मंदिर को मिला पॉलिसी का पूरा पैसा
माधुरी सक्सेना की पॉलिसी करने वाली बीमा एजेंट सुषमा बंसल ने बताया कि माधुरी सक्सेना अचलेश्वर महादेव की परम भक्त थी। पहले उन्होंने अपने माता-पिता की सेवा की और उन्होंने विवाह भी नहीं किया था। माधुरी ने अपने समय में अपने रिश्तेदारों के लिए बहुत इन्वेस्ट किया था। लेकिन 2017 में जब माधुरी की तबीयत खराब रहने लगी तो उन्होंने कुछ भगवान (Achleshwar Mahadev Mandir) के लिए दान करने की इच्छा जताई थी।
मंदिर न्यास माधुरी की याद में करवाएगा स्थाई निर्माण
उसी समय माधुरी की इच्छा पर सुषमा ने उनकी एक पॉलिसी की थी। इस पॉलिसी में अचलेश्वर महादेव को नॉमिनी बनाया गया। इस पॉलिसी का इंटरेस्ट माधुरी को मिलता रहा और इस साल मार्च में उनकी मृत्यु होने के बाद उनकी वसीयत के अनुसार सुषमा बंसल ने पॉलिसी का 7 लाख 42 हज़ार रुपए का चेक अचलेश्वर महादेव न्यास को सौंपा। इस चेक का भुगतान भी अचलेश्वर महादेव न्यास के अकाउंट में आ गया है। मंदिर न्यास ने इस राशि से माधुरी सक्सेना की स्मृति में किसी स्थाई चीज के निर्माण की इच्छा जाहिर की है।
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