Ram Siya Bharti: खजुराहो पहुंचे कमलनाथ, कांग्रेस विधायिका को उनसे नहीं मिलने दिया तो नेताओं पर भड़की
Ram Siya Bharti: खजुराहो। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ आज दोपहर 12 बजे खजुराहो पहुंचे। यहां पर उनसे न मिलने देने को लेकर इकलौती कांग्रेस विधायक राम सिया भारती सहित अन्य कांग्रेसी नेता एवं कार्यकर्ता भड़क गए। बताया जा रहा है कि कमलनाथ से मिलने के लिए कांग्रेस विधायक एयरपोर्ट के बाहर करीब एक घंटे तक इंतजार करती रही परन्तु उन्हें नहीं मिलने दिया गया। इसके पीछे वजह बताई गई कि उनका नाम एंट्री लिस्ट में नहीं था। इस पूरे मुद्दे पर जब सिया राम भारती से सवाल पूछा गया तो वह काफी उखड़े मूड़ में नजर आई और मीडिया द्वारा पूछे गए सवालों पर चुप्पी साध ली।
कमलनाथ से मिलने वालों की सूची में नहीं था राम सिया भारती का नाम
अब तक मिली जानकारी के अनुसार कमलनाथ से मिलने वालों की लिस्ट में बड़ामलहरा से महिला विधायक रामसिया भारती (Ram Siya Bharti) का नाम नहीं था। इस वजह से उन्हें अंदर जाने नहीं मिला। मीडिया ने जब उनसे वजह पूछी तो वह उन पर ही भड़क गईं। बात को बिगड़ते देख कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष और प्रदेश महामंत्री ने बताया कि वर्तमान जिलाध्यक्ष ने जो भी सूची दी है, उसमें जिनके नाम थे, उन्हें एयरपोर्ट के अंदर एंट्री दी गई। जबकि लिस्ट में जिनके नाम नहीं दिए गए थे, उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई।
बताया जा रहा है कि छतरपुर जिले के बड़ा मलहरा की वर्तमान विधायक राम सिया भारती का भी नाम लिस्ट में शामिल नहीं था जिस वजह से उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं मिली। खजुराहो एयरपोर्ट में कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ बागेश्वर धाम पहुंचे जहां पर भी राम सिया भारती उनके साथ नजर नहीं आई। इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है की वह भड़की हुई थीं।
#Khajuraho :- कांग्रेस विधायिका मीडिया सवालों पर भड़की
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ खजुराहो पहुंचें थे जहा खजुराहो एयरपोर्ट पर कांग्रेस के पूर्व विधायको को तो एयरपोर्ट के अंदर जाने की अनुमति मिली पर जिले की इकलौती कांग्रेस विधायक राम सिया भारती के साथ बेहद अजीब वाकया… pic.twitter.com/VlInTmvRNL
— MP First (@MPfirstofficial) September 22, 2024
कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने दी सफाई
कांग्रेस जिला अध्यक्ष महाप्रसाद पटेल ने इस पूरे मुद्दे पर बोलते हुए बताया कि मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी से हमें कोई सूचना नहीं दी गई कि कमलनाथ आ रहे हैं। यह उनका निजी कार्यक्रम था लेकिन कमलनाथ की बात पूर्व विधायक आलोक चतुर्वेदी और वर्तमान विधायक राम सिया भारती से हुई होगी। कल किसान सम्मान यात्रा थी तो उसमें सभी व्यस्त थे। शाम को आलोक चतुर्वेदी ने हमसे कहा कि कमलनाथ आ रहे हैं तो लिस्ट में नाम लिख दो। इस पर कुछ नाम लिस्ट में जोड़े गए और हमने लिस्ट को भेज दिया। यदि राम सिया भारती हमसे संपर्क कर लेती तो हम उनका लिस्ट में नाम एड कर देते।
पटेल ने आगे कहा कि इसके बाद हमने राजनगर एसडीएम बालवीर रमन से बात की कि हमारी विधायिका जी बाहर खड़ी है ,उन्हें एंट्री दी जाए। विधायिका का नाम लिस्ट में जोड़ा गया था परन्तु विधायक राम सिया भारती के साथ करीबन 8 से 10 लोग थे और वह कह रही थी कि सभी को एंट्री दी जाए। इसी बात को लेकर अधिकारी और उनके बीच सामंजस्य नहीं बना। अतः वह बाद में गुस्सा हो गई जबकि उन्हें किसी ने अंदर जाने से रोका नहीं था। पटेल ने आगे कहा कि वे हमसे भी नाराज हो गई थी बल्कि हम तो सीधे-साधे व्यक्ति हैं और सभी कार्यकर्ता हमारे लिए बराबर हैं। अंदर ज्यादा लोगों को जाने की अनुमति भी नहीं होती है पर सभी लोग लड़ाई तो जिला अध्यक्ष से ही लड़ते हैं। ऐसे में जबकि वह तो हमारी इकलौती जिला विधायक है इसलिए वह नाराज नजर आ रही थी।
कौन है राम सिया भारती
छतरपुर जिले के बड़ा मलहरा से कांग्रेस विधायक राम सिया भारती को किसी जमाने में ज्योतिरादित्य सिंधिया का करीबी माना जाता था। वर्ष 2018 में सिंधिया ने अपने निजी कोटे से उनका नाम मलहरा विधानसभा प्रत्याशी के तौर पर आगे बढ़ाया भी था। 2020 में जब सिंधिया अपने 22 समर्थकों के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए तो भारती के लिए राजनीति का नया द्वार खुला। उन्होंने सिंधिया की बजाय कांग्रेस में ही रहने का निर्णय लिया। वर्ष 2020 का उपचुनाव हुआ तो पार्टी ने राम सिया भारती को मैदान में उतार दिया, इस चुनाव में वह भाजपा के प्रद्युम्न सिंह से हार गई थी। इसके बाद कांग्रेस ने अगले उपचुनाव में एक बार फिर रामसिया पर भरोसा दिखाया और इस बार उन्होंने भाजपा प्रत्याशी प्रद्युम्न सिंह को 21532 वोटों के बड़े अंतर से हरा दिया था। इन चुनावों में राम सिया भारती का चुनाव प्रचार करने के लिए कमलनाथ स्वयं बड़ा मलहरा पहुंचे थे। ऐसे में जब कमलनाथ छतरपुर आए और विधायक को ही उनसे नहीं मिलने दिया गया तो नाराज होना स्वाभाविक ही था। अब यह देखना रोचक होगा कि आने वाले समय में विधायिका की यह नाराजगी क्या गुल खिलाएगी
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