Dhirendra Krishna Shashtri: हवस का पुजारी क्यों बोला जाता, मौलवी या पादरी क्यों नहीं?- धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री
Dhirendra Krishna Shashtri: छतरपुर। यूं तो बागेश्वर बाबा के भक्त देश के अलावा विदेशों में भी काफी हैं। उनके लगने वाले दरबार में भक्तों की संख्या इतनी होती है कि प्रशासन के भी पसीने छूट जाते हैं। इन सबसे इतर वे लोगों में अपने अलग अंदाज के लिए भी काफी फेमस हैं। लेकिन, उनके द्वारा दिए गए बयानों ने कई बार देश में तहलका मचाया है। हाल ही में एक बयान से बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पर तरह-तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। महाराज ने कहा कि हम न तो किसी मजहब के खिलाफ हैं और न ही किसी धर्म गुरू के बारे में कुछ कहा। हम अपने लोगों को जागरूक कर रहे हैं।
पुजारी का पद काफी बड़ा होता है
महाराज ने कहा कि हमारे सनातन धर्म में पुजारी का सबसे बड़ा पद होता है। इसलिए लोग यह ध्यान रखें कि हमारे किसी भी पद को टारगेट न किया जाए। पद पर बैठे कुछ लोग खराब हो सकते हैं लेकिन पूरे पद को लेकर ऊटपटांग की बातें कहना उचित नहीं है। जो भी हमारे धर्म को टारगेट करेगा उसे हमारा जवाब मिलेगा। हाल ही में शास्त्री के द्वारा कहा गया था कि हवस का पुजारी क्यों होता है, मौलवी क्यों नहीं। इस बयान पर किसी मौलवी के आपत्ति उठाये जाने पर पलटवार करते हुए कहा कि यह नालायक है। इनको कोई ज्ञान नहीं है। उन्होंने कहा सभी पुजारी गलत नहीं होते। फिर सभी को क्यों टारगेट किया जाता है।
#Chhatarpur :- हवस का पुजारी ही क्यों, हवस का मौलाना हवस का पादरी क्यों नहीं?
बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा है कि हवस का पुजारी भर क्यों होता है, हवस का पादरी या हवस का मौलाना क्यों नहीं होता? इस बयान पर बवाल शुरू होने के बाद धीरेंद्र शास्त्री ने कहा है,… pic.twitter.com/bp6mBpKak5
— MP First (@MPfirstofficial) October 3, 2024
बेटियों के ऊपर अत्याचार सहन नहीं
उन्होने नवरात्रि पर देवी आराधना पर कहा कि जब तक हम यह प्रण नहीं ले लेते कि हम बहू-बेटियों के ऊपर उठने वाली उंगली को तोड़ नहीं देते तब तक देवी आराधना का कोई औचित्य नहीं है। बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बुधवार को हाथों में झाडू लेकर स्वच्छता अभियान की शुरूआत की। यहां आए हजारों लोगों ने भी इस अभियान में अपना योगदान दिया। उन्होंने कहा कि देवी की मूर्ति रखना तब सफल है जब प्रत्येक बेटी के ऊपर उठने वाली उंगली तोड़ दें।
नौ दिनों तक दुर्गा माता-दुर्गा माता का जाप करने वाले लोग दसवें दिन मुर्गा-मुर्गा चिल्लाने लगते हैं। उन्होंने दुकानदारों से कहा कि वे अपनी दुकानों के सामने डस्टबिन रखें, ताकि कचरे को फैलने से रोका जा सके। दुकानदारों से साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने के निर्देश भी दिए गए। सभी दुकानदारों से प्रत्येक रविवार को दो घंटे धाम में सेवा देने के लिए भी कहा गया।
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