Disclosure Of Murder Case: टेस्ट ट्यूब बेबी से जन्मे युवक के मर्डर ने पुलिस की उड़ा दी थी नींद, इस पैंतरे से जाल में फंसा आरोपी

Disclosure Of Murder Case: दमोह। जिले के पथरिया थाना क्षेत्र अंतर्गत पिपरिया छक्का गांव में हुए अंधे हत्याकांड का पुलिस ने सवा साल बाद खुलासा कर दिया है। जब पुलिस के सभी रास्ते बंद हो गए और कुछ समझ नहीं...
disclosure of murder case  टेस्ट ट्यूब बेबी से जन्मे युवक के मर्डर ने पुलिस की उड़ा दी थी नींद  इस पैंतरे से जाल में फंसा आरोपी

Disclosure Of Murder Case: दमोह। जिले के पथरिया थाना क्षेत्र अंतर्गत पिपरिया छक्का गांव में हुए अंधे हत्याकांड का पुलिस ने सवा साल बाद खुलासा कर दिया है। जब पुलिस के सभी रास्ते बंद हो गए और कुछ समझ नहीं आया तो आधुनिक तकनीक के आधार पर इस मर्डर का खुलासा किया। पुलिस के लिए यह केस काफी परेशान करने वाला रहा क्योंकि मृतक का डीएनए दो बार फेल हो गया था। आइए जानते हैं आखिर पुलिस ने कैसे इस कत्ल का खुलासा किया।

मर्डर केस को सुलझाने में पुलिस के छूटे पसीने

दरअसल, पिपरिया छक्का गांव में रहने वाले लक्ष्मण पटेल के पुत्र जयराज पटेल की सवा साल पहले हत्या कर दी गई थी। मृतक के शव को खेत में दफना दिया गया था, जिसका किसी को कोई अता-पता तक नहीं चला। कुछ समय बाद मृतक का कंकाल परिजनों को खेत में मिला, जिसके लिए पुलिस उसे डीएनए के लिए ले गए। नर कंकाल का डीएनए किया गया लेकिन दो बार टेस्ट फेल हो गया। इसकी वजह से मामला और भी पेचीदा हो गया क्योंकि युवक का जन्म टेस्ट ट्यूब बेबी से हुआ था। इस वजह से पिता को उसके बेटे की अस्थियां भी नहीं मिल पा रहीं थीं।

पसीने से मैच हुआ डीएनए

अस्थियां हासिल करने में भी पिता को काफी मशक्कत करनी पड़ी। आखिरकार पुलिस ने एक आधुनिक तकनीक को अपनाया और बच्चे के कपड़े और सामान से उसके पिता का पता लगाया। पिता के पास जो सामान मौजूद थे उसमें मौजूद पसीने का डीएनए टेस्ट कराया गया, जो नर कंकाल से मैच हो गया। टेस्ट मैच हो जाने के बाद पिता को अपने पुत्र जयराज की अस्थियां मिलीं। केस अब एक नए मोड़ पर आ गया था। पुलिस के लिए आरोपी का पता लगाना काफी मुश्किल भरा लग रहा था। काफी छानबीन के बाद भी जब कुछ नहीं मिला तो पुलिस ने नया पैंतरा अपनाया। आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर पुलिस ने इस केस को सुलझाने के लिए साइबर सेल की मदद ली।

साइबर सेल की मदद से आरोपी गिरफ्तार

पुलिस इस दौरान लगातार ग्रामीणों से पूछताछ करने में जुटी हुई थी। इसी बीच पुलिस को लोगों की बातों के आधार पर फरियादी पिता लक्ष्मण पटेल के भतीजे मानवेंद्र पटेल पर शक गया। मानवेंद्र अपने चाचा से जायजाद में हिस्सा मांग रहा था, जिसमें एक मकान दमोह में और गांव में कुछ जमीन थी। पुलिस ने मानवेंद्र को अरेस्ट कर उससे काफी पूछताछ की।

पहले तो आरोपी ने पुलिस को काफी गुमराह किया लेकिन वह अपनी ही बातों में इस तरह उलझ गया कि आरोपी की पोल खुल गई। जानकारी के मुताबिक, मानवेंद्र ने ही चचेरे भाई जयराज की हत्या कर उसके शव को खेत में दफन कर दिया था। पुलिस ने ब्लाइंड मर्डर का खुलासा करते हुए आरोपी को हिरासत में ले लिया। आज सवा साल बाद बेटे की मौत पर फरियादी को न्याय मिला तो उसने कानून में अपनी आस्था जाहिर की। देर से ही सही आखिरकार आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है। फिलहाल, आगे की कार्रवाई जारी है।

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