Eyes Cheating Case: आंखों के डॉक्टर ने महिला को लगा दिया डुप्लीकेट लेंस, मरीजों में बना हुआ डर का माहौल
Eyes Cheating Case: ग्वालियर। शहर में एक निजी अस्पताल का ऐसा कारनामा सामने आया है जिसे सुनकर आप चौंक जाएंगे। अगर आप भी अपना इलाज किसी अस्पताल में कराने जाएं तो पूरी तरह से जांच-परख के बाद ही वहां पर इलाज कराएं। आंखों का ऑपरेशन कराने गई एक महिला को डॉक्टर ने असली लेंस के नाम पर नकली लेंस लगा दिया। इससे महिला की आखों की रोशनी तो नहीं आई बल्कि नजर और धुंधली हो गई। अब इस मामले में CMHO ने अस्पताल और डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है।
ऑपरेशन के बाद खुली डॉक्टर की पोल:
दरअसल, ग्वालियर में किला गेट के पास लोहा मंडी में रहने वाली शकुंतला जैन अपने बेटे अमित जैन के साथ ग्वालियर के रामबाबू गोयल आई हॉस्पिटल में आंखों का ऑपरेशन करने गईं थीं। यहां डॉक्टर शिवम गोयल ने मरीज के बेटे को कई प्रकार के लेंस बताए। अमित ने अपनी मां के लिए एक महंगे और अच्छे लेंस का चयन कर लिया। लेकिन ऑपरेशन होने के बाद जब अमित ने देखा कि जिस लेंस का चयन उसने किया था वह तो उसकी मां की आंखों में लगा ही नहीं है। डॉक्टर ने उस लेंस की जगह दूसरा लेंस महिला की आंख में लगा दिया। इससे आंखों की रोशनी भी नहीं आई और तकलीफ भी काफी होने लगी।
डॉक्टर का रजिस्ट्रेशन होगा निरस्त!
मरीज के बेटे अमित ने इस धोखाधड़ी की शिकायत सीएमएचओ, ग्वालियर कलेक्टर और मुख्यमंत्री को मेल के जरिए की। पीड़ित ने अस्पताल पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। ऑपरेशन कराने गई महिला शकुंतला जैन की आंखों के साथ की गई इस गंभीर धोखाधड़ी के बाद MP First की टीम जब मामले के संबंध में जानकारी लेने के लिए अस्पताल पहुंची तो वहां से डॉक्टर भाग चुके थे। कई बार डॉक्टर को फोन मिलाने के बाद भी उसने कोई जवाब नहीं दिया। वहीं, शिकायत पहुंचने के बाद सीएमएचओ ने घटना की जांच कराकर सही पाए जाने पर डॉक्टर का रजिस्ट्रेशन निरस्त करने और अस्पताल को सील करने की कार्रवाई की बात कही है।
मरीज हो जाएं अलर्ट:
आंखों के ऑपरेशन के मामले में डॉक्टर के द्वारा की गई इस धोखाधड़ी के बाद कई मरीज डरे और सहमे नजर आए। मरीज इस बात से दहशत में है कि कहीं उनके साथ तो इस तरह का स्कैम नहीं हुआ। डॉक्टर ने ओपीडी में मरीज को कौन सा लेंस लगाया है, इसकी जानकारी ना तो मरीज को होती और ना ही उसके परिजनों को। हो सकता है इस तरह के कारनामे कई और अस्पताल भी कर रहे हों। ऐसे में अब स्वास्थ्य विभाग को इसमें पारदर्शिता लाने की जरूरत है। डॉक्टर को भगवान का रूप मानने वाले मरीजों के साथ इस तरह की धोखाधड़ी बर्दाश्त नहीं होना चाहिए। मरीज के परिजनों ने अस्पताल और डॉक्टर पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
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