Garba Controversy: गरबा पांडाल में गौमूत्र पीकर एंट्री देने पर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद का बड़ा बयान, BJP भी करेगी सपोर्ट!

Garba Controversy: भोपाल। शारदीय नवरात्र आरंभ होने के साथ ही देश भर में गरबा उत्सव भी आरंभ हो जाता है। मां भगवती की आराधना का यह पर्व आज न केवल युवा जोड़ों के मेल-मिलाप का माध्यम बन चुका है वरन...
garba controversy  गरबा पांडाल में गौमूत्र पीकर एंट्री देने पर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद का बड़ा बयान  bjp भी करेगी सपोर्ट

Garba Controversy: भोपाल। शारदीय नवरात्र आरंभ होने के साथ ही देश भर में गरबा उत्सव भी आरंभ हो जाता है। मां भगवती की आराधना का यह पर्व आज न केवल युवा जोड़ों के मेल-मिलाप का माध्यम बन चुका है वरन राजनीतिक कुश्ती का अखाड़ा भी बन चुका है। पिछले कई वर्षों से गरबा महोत्सव विवादों का कारण बन रहे हैं। इनमें सबसे बड़ा विवाद लव जिहाद है। कुछ घटनाएं ऐसी घटी हैं जिनमें धर्म विशेष के युवा गरबा करने के बहाने इन आयोजनों (Garba Controversy) में शामिल होते हैं और फिर हिंदू धर्म की युवतियों को प्रेम जाल में फांस कर लव जिहाद करते हैं।

गरबा पांडाल में गैर-हिंदुओं को रोकने के लिए दिया था यह सुझाव

आपको बता दें कि इस मुद्दे पर बोलते हुए हाल ही भाजपा के इंदौर जिला (ग्रामीण) अध्यक्ष चिंटू वर्मा ने गरबा कार्यक्रमों में गैर हिंदुओं को प्रवेश से रोकने के लिए एक विवादास्पद सुझाव दिया था। इस सुझाव में उन्होंने कहा था कि गरबा में प्रवेश से पहले प्रत्येक व्यक्ति को अनिवार्य रुप से गौमूत्र प्रसाद के रूप में देना चाहिए। चिंटू वर्मा के इस सुझाव की भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री उषा ठाकुर ने भी सराहना करते हुए इसे अच्छा उपाय बताया था।

आधार कार्ड देखने में जताई थी यह आपत्ति

चिंटू वर्मा ने कहा था कि नवरात्रि शक्ति का पर्व है। ऐसे में गरबा आयोजनों में शामिल होने के लिए लोग तिलक लगाकर आएं और गौमूत्र पीने के बाद ही पांडालों में प्रवेश करें। जब उनसे पूछा गया कि आधार कार्ड देखकर भी तो एंट्री दे सकते हैं। इस पर उन्होंने कहा कि आज के जमाने में आधार कार्ड में भी एडिटिंग की जा सकती है। अब उनके इसी सुझाव पर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद का भी बड़ा बयान आ गया है।

आरिफ मसूद ने दिया बड़ा बयान

कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने गरबा पांडाल (Garba Controversy) में गौमूत्र पीकर एंट्री देने के विवाद पर कहा कि इसमें बुरा मानने वाली कोई बात नहीं है। स्वाभाविक बात है, जिसके धर्म की बात है, वह उसका पालन करें, इसमें गलत क्या बात है। अगर कोई आयोजनकर्ता किसी आयोजन को करता है और वह कहता है कि उसके नियम हैं तो जिसको उसके नियम मानना है, वह कार्यक्रम में जाए, इसमें बंदिश वाली कोई बात नहीं है।

कहा, अल्पसंख्यक वर्ग का व्यक्ति बुरा नहीं मानेगा

मसूद ने आगे कहा कि मैं नहीं मानता, इसमें कुछ बुरा मानने की बात है। मुझे नहीं लगता है कि कोई अल्पसंख्यक वर्ग का व्यक्ति उसका बुरा मानेगा। उसके बाद भी जिसको जाना है, जाए, किसने रोका है। हम तो संविधान को मानने वाले लोग हैं। भाजपा भले ही कांग्रेस नेताओं की आलोचना करने का मौका नहीं छोड़ती लेकिन आरिफ मसूद के इस बयान पर तो बीजेपी भी सपोर्ट ही करेगी।

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