Govardhan Puja 2024: गोवर्धन पूजा खास बनाने की तैयारी, CM मोहन यादव करेंगे 10 हजार गोवंश का पूजन

Govardhan Puja 2024 ग्वालियर: मध्य प्रदेश सरकार इस बार भव्य रूप में गोवर्धन पूजा का आयोजन करने जा रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव खुद गौशालाओं में गोधन का पूजन (CM Mohan Yadav Visit Gwalior) करेंगे। इसकी तैयारी...
govardhan puja 2024  गोवर्धन पूजा खास बनाने की तैयारी  cm मोहन यादव करेंगे 10 हजार गोवंश का पूजन

Govardhan Puja 2024 ग्वालियर: मध्य प्रदेश सरकार इस बार भव्य रूप में गोवर्धन पूजा का आयोजन करने जा रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव खुद गौशालाओं में गोधन का पूजन (CM Mohan Yadav Visit Gwalior) करेंगे। इसकी तैयारी पूरे प्रदेश में की जा रही है। ग्वालियर की आदर्श गौशाला मध्य प्रदेश में अनोखी गौशाला है, जहां 10 हजार गोवंश का पूजन किया जाएगा। गौशाला और गो संवर्धन का एक बड़ा उदाहरण ग्वालियर की लाल टिपारा गौशाला में देखने को मिलता है। यह गौशाला अपने आप में एक शोध केंद्र है जहां देश की कई नामी गिरामी हस्तियां भी देखने पहुंचती है।

गौ सेवा के लिए सालाना 20 करोड़ की राशि

ग्वालियर नगर निगम की आदर्श गौशाला पूरे मध्य प्रदेश के लिए रोल मॉडल है। यहां लगभग साढ़े 10 हजार गोवंश (Govardhan Puja 2024) हैं और उनकी देखरेख के लिए करीब 80 कर्मचारी काम करते हैं। गौ सेवा के लिए यहां शासन करीब 20 करोड़ की राशि सालाना खर्च करता है। गौशाला में भूसे के बड़े-बड़े शेड बनाए गए हैं और गाय को चारा खिलाने के लिए मिक्सर मशीनों का उपयोग किया जाता है। इसमें एक बार लगभग 40 गायों का चारा मिक्स हो जाता है।

साधु संतों पर आदर्श गौशाला की देखरेख की जिम्मेदारी

ग्वालियर की आदर्श गौशाला प्रदेश की इकलौती ऐसी गौशाला है जो पूरी तरह आधुनिक और आत्मनिर्भर है। भले ही नगर निगम द्वारा संचालित हो रही है, लेकिन इनकी देखरेख का जिम्मा साधु संतों पर है। यही वजह है कि यहां गायों की देखरेख साधु संत और उनके गो सेवक करते हैं। आदर्श गौशाला में गाय बछड़े और बीमार गायों के लिए अलग-अलग बाड़े बनाए गए हैं। इसके साथ ही यहां गायों और बछड़ों को ऐसे पाला जाता है, जैसे बच्चों को पाला जाता है। इसके साथ ही खाने पीने का समय पर विशेष ध्यान रखा जाता है।

50 एकड़ में गौशाला

खास बात यह भी है कि शहर में अगर कोई बीमार गाय है तो उसके लिए तीन एंबुलेंस भी चलाई जाती है। करीब 50 एकड़ में बनी यह गौशाला शुरुआत में इतनी बड़ी नहीं थी, लेकिन जैसे-जैसे यहां गायों की देखभाल बढ़ती गई वैसे संख्या भी बढ़ती जा रही है। गायों की बढ़ती संख्या और गोबर की मात्रा को ध्यान में रखते हुए गौ सेवक और ग्वालियर नगर निगम ने इसका सही उपयोग कैसे किया जाएगा। इस पर काम करना शुरू किया और लंबी प्रक्रिया के बाद ग्वालियर की आदर्श गौशाला में गोबर से सीएनजी बनाने का प्लांट लगाया गया जो अब लगभग 2 टन सीएनजी रोज बना रही है। लाल टिपारा गौशाला को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के सहयोग से 2 हेक्टेयर क्षेत्र में बायो सी.एन.जी. प्लांट स्थापित किया गया है।

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