ग्वालियर में है भगवान कार्तिकेय का 400 साल पुराना मंदिर, सिर्फ कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही खुलते हैं पट
Gwalior Kartikeya Temple ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भगवान कार्तिकेय का सबसे पुराना मंदिर है यह मंदिर 400 साल पुराना है। इसके पट साल में सिर्फ एक बार कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही खुलते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव, धन की देवी लक्ष्मी माता की पूजा-आराधना का विशेष महत्व है। इसे भगवान शिव और मां पार्वती के पुत्र और भगवान गणेश के भाई कार्तिकेय का दिन भी माना जाता है। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा और दर्शन करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन कार्तिकेय भगवान के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता
ग्वालियर में भगवान कार्तिकेय का 400 साल पुराना मंदिर है। इस मंदिर की खास बात (Famous Temple in Gwalior) यह है कि इस मंदिर के पट साल भर में कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही खुलते हैं। मंदिर के पट सिर्फ 24 घंटे के लिए खुलते हैं। मान्यता है कि यह देश में किसी मंदिर में नहीं होता होगा। कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान कार्तिकेय के दर्शन के लिए देशभर से श्रद्धालु आते हैं। इस दिन भगवान कार्तिकेय के दर्शन के लिए सुबह देर रात से ही लंबी कतार लग जाती है।
#Gwalior : भगवान कार्तिकेय का 400 साल पुराना मंदिर, कार्तिक पूर्णिमा के दिन दर्शन देते हैं स्वामी
ग्वालियर में भगवान कार्तिकेय का सबसे पुराना मंदिर है यह मंदिर 400 साल पुराना है। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन पूजा करने से कार्तिकेय भगवान अपने भक्त की हर कामना पूर्ण करते… pic.twitter.com/5VJUnVchu7— MP First (@MPfirstofficial) November 15, 2024
भगवान कार्तिकेय के दर्शन से मन्नत होती है पूर्ण
मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के अलावा अन्य दिन कार्तिक भगवान (Gwalior Kartikeya Temple) के दर्शन करने वाली महिलाएं विधवा हो जाती हैं। वहीं, दर्शन करने वाला पुरुष सात जन्मों तक नरक में जाता है। इसलिए साल में सिर्फ एक बार कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान कार्तिकेय के दर्शन किए जाते हैं। यहां आने वाले भक्तों का कहना है कि भगवान कार्तिकेय के दरबार में आने वालों की मन्नत पूरी होती है। कार्तिकेय के दर्शन करने से घरों में खुशहाली और सुख शांति बनी रहती है।
400 साल पुराना है ग्वालियर का कार्तिकेय मंदिर
ग्वालियर की जीवाजी गंज क्षेत्र में मौजूद भगवान कार्तिकेय का भगवान कार्तिकेय का मंदिर (Kartikeya Swami Temple) देश का सबसे प्राचीन और इकलौता मंदिर माना जाता है। इस मंदिर के पुजारी जमुना का कहना है कि सिंधिया स्टेट के समय का यह मंदिर लगभग 400 साल से भी ज्यादा पुराना है। हालांकि इस मंदिर की स्थापना कब हुई इसका कोई उल्लेख मौजूद नहीं है, लेकिन पुजारी बताते हैं कि जब ग्वालियर में सिंधिया राजाओं का शासन था और उन्होंने इसे अपनी राजधानी बनाया तो तत्कालीन सिंधिया शासकों ने ही इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था। मान्यता है कि तब से लगातार यहां पूजा-अर्चना होती आ रही है।
साल में केवल एक बार होते हैं दर्शन
भगवान कार्तिकेय मंदिर के पट साल में सिर्फ एक बार कार्तिक पूर्णिमा की दिन ही खुलते हैं। वैसे तो सभी मंदिरों के पट सुबह ही खुलते हैं जिसके बाद पूजा अर्चना और दर्शन शुरू होते हैं। मंदिर की खास बात यह है कि इस मंदिर के पट कार्तिक पूर्णिमा की रात 12:00 बजे खुल जाते हैं और इसी के बाद भगवान कार्तिकेय के दर्शन शुरू हो जाते हैं। इस बार गुरुवार रात 12:00 बजे विशेष पूजा अर्चना के साथ परंपरागत मंदिर के पट खोल दिए गए। ग्वालियर की कार्तिकेय मंदिर में दर्शन करने के लिए मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश राजस्थान के साथ महाराष्ट्र गुजरात दिल्ली और देश के अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं और भगवान कार्तिकेय के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त करते हैं।
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