OMG! वकील को 6 घंटे डिजिटल अरेस्ट कर 16 लाख की ठगी, ठगों ने मुंबई CBI बनकर वारदात को दिया अंजाम
Gwalior Lawyer Digital Arrest ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में आए दिन साइबर ठगी के मामले सामने आ रहे हैं। ग्वालियर में डिजिटल अरेस्ट का गंभीर मामला सामने आया है। अब एक वकील को डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठगों ने 16 लख रुपए उड़ा लिए। ठगों ने वकील को दोपहर से रात तक डिजिटल अरेस्ट कर, अपने कब्जे में रखा और पुराने खाते को बंद करने की धमकी देकर नया खाता खुलवाकर उसमें 16 लख रुपए जमा करा के अपने बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए। क्या है पूरा मामला आइए विस्तार से जानते हैं।
वकील को डिजिटल अरेस्ट कर 16 लख रुपए हड़पे
ठगों ने वकील को उसकी आधार कार्ड से बीजिंग के लिए बुक हुए पार्सल में एमडीएमए ड्रग (Gwalior Lawyer Digital Arrest) और डेबिट कार्ड जब्त होने की बात कही। बाद में उसके खाते से 2 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग होने का झांसा देकर डराया और फिर मुंबई क्राइम ब्रांच और सीबीआई ऑफिसर के नाम से डरा कर पुराना बैंक अकाउंट सीज कर नया बैंक अकाउंट खुलवा कर 16 लाख रुपए की ठगी की।
पार्सल में एम डी ड्रग होने का कहकर डिजिटल अरेस्ट किया
पीड़ित जगमोहन श्रीवास्तव क्राइम ब्रांच को दी शिकायत में बताया कि उनके मोबाइल फोन पर 8 अक्टूबर को अनजान व्यक्ति के द्वारा कॉल किया गया। कॉल करने वाले व्यक्ति ने अपना परिचय भी कोरियर सर्विस कंपनी से राहुल शर्मा के रूप में दिया। कोरियर कंपनी कर्मचारियों ने उसे बताया कि पार्सल उनकी आधार कार्ड से बीजिंग के लिए पार्सल बुक किया गया है। इसे कस्टम ने पकड़ा है। इस पार्सल में 400 ग्राम एमडीएमए ड्रग 12 डेबिट कार्ड जप्त किए गए हैं। वहीं, जब जगमोहन ने फोन करने वाले को बताया कि किसके द्वारा कोई पार्सल बुक नहीं किया गया है। इस पर उन्होंने कहा कि कोई उनके आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल कर रहा है।
पहले ठगों ने मुंबई क्राइम ब्रांच फिर CBI ऑफिसर बनकर धमकी दी
ठगों ने फ4जी तरीके से मुंबई क्राइम ब्रांच से बात करने के बाद कॉल सीबीआई ऑफिसर के पास ट्रांसफर किया। इस दौरान सीबीआई ऑफिसर ने उस पर 2 दर्जन केस दर्ज होने की चेतावनी देकर धमकी दी। साथ ही बैंक अकाउंट सीज करने की भी धमकी दी। ठगों ने इस बीच 2 बार कॉल नेटवर्क की इश्यू के कारण डिस्कनेक्ट हुआ तो पीड़ित को भी फटकार लगाई।
क्या है डिजिटल अरेस्ट?
बता दें कि, गिरफ्तारी का डर दिखाकर आपके घर में ही कैद (What is Digital Arrest) कर दिया जाता है। इसके लिए साइबर फ्रॉड वीडियो कॉल पर अपना बैकग्राउंड किसी पुलिस स्टेशन की तरह दिखते हैं। ऑनलाइन मॉनिटरिंग करते हैं कौन कहां जा रहा है। इस दौरान बैंक अकाउंट सीज कर गिरफ्तारी की धमकी दी जाती है। इतना ही नहीं इस दौरान ऐप डाउनलोड कराकर फर्जी डिजिटल फॉर्म भरवाए जाते हैं। डमी अकाउंट खुलवाकर उसमें पैसों का ट्रांजेक्शन किया जाता है।
नया बैंक अकाउंट खुलवा कर जमा कराए गए 16 लाख
साइबर ठगों ने वकील का नया बैंक अकाउंट खुलवा कर उसमें 16 लाख रुपए जमा करने के लिए दबाव बनाया। ऐसे में ठगों के कहने पर डिजिटल अरेस्ट वकील डर गया और उनकी बातों में आकर एक नया खाता खुलवाकर उसमें 16 लख रुपए ट्रांसफर कर दिए। नया अकाउंट में पैसे जमा करने के बाद साइबर फ्रॉड ने सभी पैसे निकाल लिए।
ठगों से रहें सावधान
वहीं, इस पूरे मामले में साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि डिजिटल अरेस्ट जैसा कुछ नहीं होता। अगर किसी को ऐसा कॉल आता है तो फौरन इसकी जानकारी पुलिस को दें। पुलिस या कोई अधिकारी के द्वारा किसी को डिजिटल अरेस्ट नहीं किया जाता। ऐसे में अगर आप ठगी का शिकार होते हैं तो जल्द से जल्द नजदीकी साइबर क्राइम ब्रांच में शिकायत करें।
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