Gwalior Missing News: लापता बेटे की तलाश में 500 मंदिरों में भटका पिता, 10 लाख नगद इनाम की भी घोषणा की फिर भी नहीं मिला सूर्यांश

लापता बालक सूर्यांश के पिता द्वारा अब तक उसकी तलाश में 10 से ज्यादा राज्यों में 500 से ज्यादा मंदिरों में साधु संतों के आश्रम में तलाश की जा चुकी है। बच्चे की सूचना देने पर दस लाख रुपए का नगद इनाम भी घोषित किया गया है।
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Gwalior Missing News: ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर से दस वर्ष पूर्व अगवा किए गए बालक का आज तक भी पता नहीं चल पाया है जबकि लापता बालक सूर्यांश के पिता द्वारा अब तक उसकी तलाश में 10 से ज्यादा राज्यों में 500 से ज्यादा मंदिरों में साधु संतों के आश्रम में तलाश की जा चुकी है। सूर्यांश के पिता ने बताया कि दस वर्ष पूर्व उनके 3 वर्षीय बेटे को कार सवार बदमाश घर के सामने से खेलते समय अपहरण कर ले गये थे। आज वह 13 साल का हो गया होगा, उसके माथे पर तिलक का कुदरती निशान भी है।

लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी नहीं मिला बेटा

पिता जयंत सोलंकी ने उसकी तलाश में प्रयागराज महाकुंभ में भी जाकर खोजा। वहां एक-एक अखाड़े में जाकर उसकी तलाश की गई। लोगों को उसकी फोटो दिखाई गई और उसके बारे में पूछा गया कि क्या कोई मेरे बेटे को जानता है, क्या कोई इसका पता बताएगा। उन्होंने यह भी कह दिया कि जो भी उसका पता बताएगा, उसे दस लाख रुपए का नगद इनाम दिया जाएगा। इन दस वर्षों में बेटे की तलाश में अब तक पिता के द्वारा लाखों रुपया खर्च किया जा चुका है।

बेटे की खोज में कई तांत्रिकों ने भी उन्हें ठगा

लापता सूर्यांश के पिता जयंत सोलंकी कहते हैं कि उनका बेटा सूर्यांश 3 साल की उम्र में घर से ही खेलते समय अगवा (Gwalior Missing News) कर लिया गया था। आज घटना को 10 साल हो चुके हैं, बेटे की तलाश लगातार अभी जारी है। पिता कहते हैं कि बेटे को तलाशने के लिए अपना एक भाई भी खो चुके हैं। कई तांत्रिकों द्वारा उन्हें ठगा भी जा चुका है बावजूद इसके उन्होंने अभी तक आस नहीं छोड़ी है। पिता का मानना है कि मेरा बेटा मुझे वापस जरूर मिलेगा, उसी उम्मीद पर आज भी लगातार उसकी खोज जारी है।

Gwalior Missing Boy Suryansh Solanki

प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से भी लगाई गुहार

सूर्यांश के पिता जयंत का यह भी कहना है कि अभी हाल ही में अगवा हुये 6 वर्षीय शिवाय गुप्ता के मामले में पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए कुछ ही घंटे में उसे खोज लिया था। ऐसे में मुझे प्रदेश के मुखिया डॉ. मोहन यादव से उम्मीद है कि वह मेरे बेटे के मामले में भी तत्परता दिखाएंगे और वह जल्द ही मुझे मेरा बेटा वापस मिल जाएगा। सूर्यांश का 10 वर्ष पूर्व सितंबर 2015 में घर के बाहर खेलते समय अपहरण कर लिया गया था। उस समय कॉफी कलर की इंडिका कर में सवार लोग घर के दरवाजे के सामने से खेलते समय उसे उठाकर ले गये थे।

महाकुंभ में जूना अखाड़े में भी जाकर की थी पूछताछ

इतने सालों में बेटे की तलाश में उसके पिता जयंत सोलंकी ने एक भी स्थान ऐसा नहीं छोड़ा जहां पर उसके मिलने की संभावना हो और उसे खोजा नहीं गया हो। उसके पिता के द्वारा हाल ही में लगे महाकुंभ में हर जूना अखाड़े के महासंतों के पास पहुंचकर उसकी फोटो दिखाकर उनसे पूछताछ की गई लेकिन उन्हें वहां से भी निराशा हाथ लगी है। लापता सूर्यांश (Gwalior Missing News) की तलाश में सोलंकी परिवार पिछले 10 वर्षों से लगातार खोज में लगा हुआ है। अब तक इस काम में उनके इसमें लाखों रुपए खर्च भी हो चुके हैं। उन्होंने कोई ऐसा शहर या प्रदेश नहीं छोड़ा, जहां लापता सूर्यांश की तलाश न की गई हो उनके द्वारा लापता सूर्यांश को खोज कर लाने वाले को 10 लाख रुपए इनाम नगद देने की घोषणा भी की गई है।

दादा की आंखों के सामने से उठा ले गए थे कार सवार बदमाश

ग्वालियर में पनिहार में रहने वाली जयंत का 3 साल का बेटा सूर्यांश 7 सितंबर 2015 को अपने फार्म हाउस के बाहर खेल रहा था और कुछ ही दूरी पर उसके सामने बैठे दादा कल्याण उसकी खेल को देख रहे थे। तभी अचानक खेलते-खेलते सूर्यांश लापता हो गया। जैसे ही बाबा को उसके बारे में जानकारी मिली, हंगामा खड़ा हो गया और उन्होंने अपने स्तर पर इसकी तलाश इसके बाद इसकी सूचना पुलिस को दी गई और अज्ञात लोगों के खिलाफ अपहरण (Gwalior Missing News) का मामला दर्ज किया गया। गांव के तकरीबन सौ से अधिक लोगों के द्वारा जंगल और बीहड़ में भी इसकी खोज की गई थी लेकिन उन्हें भी इसमें निराशा हाथ लगी।

सूर्यांश की मां को आज भी है उसके मिलने का भरोसा

सूर्यांश की मां को आज भी यह भरोसा है कि उसका बेटा उसके पास जरूर लौट कर आएगा। उन्हें कभी किसी अज्ञात बच्चे का शव मिलने की खबर मिलती है तो मन में डर सा दौड़ जाता है। ग्वालियर जिले के परिहार गांव से 7 सितंबर 2015 को सूर्यांश का अपहरण हो गया था। उसके बाद पनिहार पुलिस द्वारा जिले के पूरे थानों में सूर्यांश की फोटो लगाई गई थी। ट्रेनों में भी फोटो लगवाए गए थे लेकिन अब तक अपहरण के इस मामले का खुलासा नहीं हो पाया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जब तक बच्चा नहीं मिल जाता, जांच जारी रहेगी।

(ग्वालियर से सुयश शर्मा की रिपोर्ट)

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