Jabalpur hospital News: मेडिकल हॉस्पिटल में डायलिसिस के दौरान मशीन बंद करने से मरीज की मौत, लापरवाही पर भड़के परिजन
Jabalpur hospital News: जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर संभाग का सबसे बड़ा सरकारी हॉस्पिटल नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल एक बार फिर अपनी बदइंतजामी के कारण सुर्खियों में है। मेडीकल हॉस्पिटल में मंगलवार को एक मरीज की मौत पर जमकर हंगामा हुआ। ग्वारीघाट निवासी अमन केवट ने आरोप लगाया है कि डायलिसिस के दौरान टेक्नीशियन की लापरवाही के कारण उसके भाई दीपक केवट की असमय मौत हो गई।
मरीज का इलाज शुरू करने में भी बरती कोताही
बताया जा रहा है कि दीपक केवट को उसका भाई अमन डायलिसिस कराने के लिए मेडीकल हॉस्पिटल लेकर पहुंचा था। अस्पताल में जब डायलिसिस (Jabalpur hospital News) की प्रक्रिया चल रही थी, उसी दौरान टेक्नीशियन ने अधूरे डायलिसिस में ही मशीन को बंद कर दिया, जिससे दीपक केवट की जान चली गई। मृतक दीपक के भाई अमन केवट का आरोप है कि सोमवार की दोपहर को वह पहले वह दीपक को मेडीकल हॉस्पिटल के सुपरस्पेशलिटी सेंटर में इलाज के लिये लेकर पहुंचे थे, लेकिन वहां ड्यूटी डॉक्टर ने तत्काल इलाज शुरू करने की बजाय पुरानी बिल्डिंग में जांच एवं भर्ती कराने की नसीहत देकर रवाना कर दिया।
टेक्नीशियन की लापरवाही पर भी डॉक्टरों ने बचाया
सोमवार देर शाम तक दीपक का इलाज शुरू नहीं किया गया। आखिर में मंगलवार की सुबह जब दीपक के डायलिसिस की प्रक्रिया शुरू की तो जमकर लापरवाही बरती गई। डायलिसिस के दौरान ही टेक्नीशियन ने किसी डॉक्टर के कहने पर डायलिसिस मशीन बंद कर दी, जिससे दीपक की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि जैसे ही डायलिसिस मशीन बंद हुई, कुछ देर में ही दीपक ने दम तोड़ दिया। जब उन्होंने लापरवाह टेक्नीशियन द्वारा मशीन बंद किये जाने और दीपक के निधन की बात कही तो मेडिकल हॉस्पिटल के ड्यूटी डॉक्टरों ने उनकी बातों को गंभीरता से सुनने की बजाय, हंसते हुये टेक्नीशियन कर्मचारी का बचाव किया और परिजनों को डांट कर भगाने लगे।
परिजनों के विरोध पर बुलाए बाउंसर, पुलिस में दर्ज हुआ मामला
इस दौरान जब परिजनों ने विरोध किया तो सुरक्षा गार्ड बाउंसरों को बुलाकर डॉक्टरों ने परिजनों के साथ मारपीट करवा दी। मेडिकल हॉस्पिटल में इलाज में लापरवाही से मरीज की मौत पर परिजनों के हंगामे की खबर पर गढ़ा थाना पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने परिजनों को शांत कराया। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन और पुलिस से शिकायत की है कि डायलिसिस प्रक्रिया के दौरान घोर लापरवाही बरतने के कारण ही दीपक की मौत हुई है। यदि अस्पताल में इलाज के दौरान गंभीरता बरती जाती तो दीपक की जान बच जाती। परिजनों ने पुलिस और अस्पताल प्रशासन से मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
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