Jabalpur News: मिनरल वाटर की सील पैक बोतल में मिला मृत मच्छर

खाद्य सुरक्षा अधिकारी पंकज श्रीवास्तव का तर्क है कि आम तौर पर ज्यादातर वॉटर प्लांट में ऑटोमेटिक पैकेजिंग मशीनें होती हैं, वहां इस तरह की घटनाएं होना न के बराबार होता है।
jabalpur news  मिनरल वाटर की सील पैक बोतल में मिला मृत मच्छर

Jabalpur News: जबलपुर। यदि आप भी गर्मी में मिनरल वाटर से गला तर करने के आदी है तो ये खबर आपको पढ़नी चाहिए। क्या आपने कभी सोचा है कि आप जो मिनरल वाटर की सील पैक बॉटल दुकान से खरीद रहे हैं, उसकी पैकिंग बॉटल में मच्छर हो सकता है। क्या प्लांट में इतनी घोर लापरवाही के साथ मिनरल वाटर की पैकेजिंग होती है? क्या फुली ऑटोमेटेड वाटर प्लांट का दंभ भरने वाली मिनरल वाटर की कंपनियां लोगों के स्वास्थ्य के साथ बेपरवाह होकर खिलवाड़ करती हैं। जी हां, ये सवाल खड़े हुये प्योरा कंपनी मिनरल वाटर की सील पैक बोतल में मरा हुआ मच्छर मिलने से। आखिर माजरा क्या है, विस्तार से समझने के लिये खबर को ध्यान से पढ़िये जरूर...।

प्योरा कंपनी मिनरल वाटर की सील पैक बोतल में मिला मृत मच्छर

जबलपुर के रामपुर चैक स्थित केसरवानी आइसक्रीम पार्लर शॉप में प्योरा कंपनी मिनरल वाटर की सील पैक बोतल में मच्छर मिलने का मामला सामने आया है। केसरवानी आइसक्रीम पार्लर से एक ग्राहक को सील बंद मिनरल वाटर की बोतल में मृत मच्छर मिला है, जिसकी शिकायत दुकान संचालक से की गई। केसरवानी आइसक्रीम पार्लर के संचालक संदीप केशरवानी ने भी माना है कि प्योरा कंपनी मिनरल वाटर की सील पैक बोतल में मरा हुआ मच्छर है। हालांकि वह इसके लिए खुद को जिम्मेदार नहीं मानते। उनका कहना है कि जिस प्लांट में यह बॉटल पैक हुई है, वहां पर यह गड़बड़ी हुई है क्योकि बॉटल अभी भी पूरी तरह से सील पैक है।

died mosquito in mineral water bottle

ग्राहक की नाराजगी को स्वीकारते हुये दुकान संचालक संदीप केशरवानी ने तत्काल दूसरी बॉटल देकर फौरी तौर पर तो मामले (Jabalpur News) को शांत कर दिया, लेकिन इसकी शिकायत प्योरा कंपनी मिनरल वाटर उपलब्ध कराने वाले डिस्ट्रीब्यूटर से संपर्क किया, लेकिन प्योरा कंपनी की तरफ से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।

खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने कही जांच करवाने की बात

वहीं इस मामले में जब मीडिया ने जिला (Jabalpur News) खाद्य सुरक्षा अधिकारी पंकज श्रीवास्तव से बात कर मामले पर वैधानिक कार्रवाई की जानकारी ली तो उन्होंने कहा कि उसके संज्ञान में यह मामला कुछ देर पहले ही आया है। हालाकि खाद्य सुरक्षा अधिकारी पंकज श्रीवास्तव का तर्क है कि आम तौर पर ज्यादातर वॉटर प्लांट में ऑटोमेटिक पैकेजिंग मशीनें होती हैं, वहां इस तरह की घटनाएं होना न के बराबार होता है। ऐसे में ये पता करना होगा कि जिस प्लांट में यह मिनरल वाटर की पैकेजिंग हुई है, वह फुली ऑटोमेटेड प्लांट है या फिर प्लांट मैनुअली संचालित है। इसकी जांच और सैम्पलिंग के बाद ही तस्वीर स्पष्ट होगी।

(जबलपुर से डॉ. सुरेन्द्र कुमार कुशवाहा की रिपोर्ट)

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