Jabalpur News: मप्र हाईकोर्ट ने गृह सचिव, डीजीपी, जबलपुर एसपी सहित अन्य को नोटिस किया जारी, जानें पूरा मामला
Jabalpur News: जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर प्रिंसिपल पीठ में किसान नेताओं की दिल्ली में किसान रैली के पूर्व गिरफ्तारी मामले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। 13 फरवरी को नई दिल्ली में आयोजित किसान रैली में शामिल होने जा रहे किसान नेता एवं बरगी विस्थापित संघ के अध्यक्ष और कार्यकर्ताओं को जबलपुर पुलिस द्वारा विभिन्न थाना क्षेत्रों से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस द्वारा की गई गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए दो लाख रूपए के मुआवजे की मांग की गई। मामले में हाईकोर्ट ने गृह सचिव, डीजीपी सहित अन्य को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिए।
किसान रैली में जाने से रोकने की गिरफ्तारी
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में जस्टिस एमएस भट्टी की सिंगल बैंच में किसान नेता एवं बरगी विस्थापित संघ के पदाधिकारी राजकुमार सिन्हा, रामरतन यादव, अमरदीप सिंह, अमित पाण्डेय और संजय सेन को दिल्ली में 13 फरवरी हुई किसान रैली में पहुंचने से रोकने के लिए गिरफ्तार कर लिया गया था। जबलपुर शहर के विभिन्न क्षेत्रों से किसानी साथी 13 फरवरी को नई दिल्ली में आयोजित किसान रैली में शामिल होने जाने वाले थे। तभी जबलपुर के विभिन्न थाना क्षेत्रों की पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इन सभी ने आरोप लगाया कि ये किसान रैली में शामिल होने के लिए लोगों को सार्वजनिक रूप से भड़काकर शांति भंग कर रहे थे।
अवैध गिरफ्तारी की जांच एवं 2 लाख मुआवजे की मांग
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता अरविंद कुमार श्रीवास्तव ने हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई में आरोप लगाया कि किसान रैली में शामिल होने वाले नेताओं पदाधिकारियों को जानबूझकर दो दिन तक हिरासत में रखा गया। उन्हें एवं उनके समर्थकों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए कई तरह से शारीरिक मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। इस पर गिरफ्तारी को अवैध बताकर उसकी जांच कराने और दो लाख रूपए का मुआवजा दिलाए जाने की मांग याचिका में की गई।
गृह सचिव, डीजीपी, जबलपुर एसपी सहित अन्य को नोटिस जारी
याचिकाकर्ताओं ने अवैध गिरफ्तारी और किसानों की आवाज को दबाने की साजिश शासन-प्रशासन स्तर पर किए जाने की दलील हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने जस्टिस एमएस भट्टी की कोर्ट में दी। मामले में गृह सचिव, डीजीपी, जबलपुर एसपी, गोरखपुर, रांझी एसडीओ और तिलवारा, गोराबाजार, गढ़ा और गोरखपुर थाना प्रभारी को पक्षकार बनाया गया। जस्टिस एमएस भट्टी की सिंगल बैंच में सुनवाई के बाद राज्य सरकार, डीजीपी सहित तमाम अनावेदकों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिए।
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