Javed Akhtar Haveli: ढहाई जाएगी जावेद अख्तर की पुश्तैनी हवेली, यही बीता था उनका बचपन
Javed Akhtar Haveli: शिवपुरी। मशहूर हिन्दी फिल्मों के प्रख्यात गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर की पुश्तैनी हवेली की आज लगभग 40 फीट लंबी दीवार धराशायी हो गई। इस हवेली का निर्माण वर्ष 1942 में करवाया गया था।
इसी हवेली में बीता था जावेद अख्तर का बचपन
प्रख्यात बॉलीवुड गीतकार एवं कवि जावेद अख्तर का जन्म 1945 में शिवपुरी में ही हुआ था। जन्म के बाद तीन साल तक जावेद अख्तर का बचपन शिवपुरी में ही बीता था। इसके बाद उनके परिवार ने शिवपुरी छोड दी थी।
यह हवेली पुरानी शिवपुरी के बड़ा बाजार कमलीगर मोहल्ले में स्थित है। जर्जर होने की वजह से हवेली की लगभग 40 फ़ीट की दीवार कल रात धराशायी हो गई। दीवार ढहने की सूचना मिलने के बाद प्रशासन ने जर्जर हवेली को ढहाने का कार्य शुरू कर दिया है।
जावेद अख्तर के दादा थे जज
हवेली के पड़ौस में रहने वाले अजमत अली बताते हैं कि जावेद अख्तर के दादा मुख़्तार खैराबादी ग्वालियर स्टेट में जज थे। वर्ष 1942 के दौर में वह इसी हवेली में अपने बेटे जाँ निसार अख़्तर के साथ इसी हवेली में रहते थे।
इसी हवेली में वर्ष 1945 में जावेद अख्तर का जन्म हुआ था। उनके जन्म के बाद भी परिवार करीब तीन वर्षों तक इसी हवेली में रहा। इसके बाद उनका परिवार ग्वालियर चला गया था और वही रहने लग गए थे। बाद में भोपाल रहने लग गए थे। अजमत अली ने बताया कि तीन माह पहले जावेद अख्तर से उनकी फोन पर बात भी हुई थी। उन्होंने अपनी जन्म स्थली पर चर्चा भी की थी।
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