MP Congress News: कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के जीतू पटवारी को लेकर बदले सुर, पहले जताई नाराजगी अब दे रहे सफाई
Kamal Nath Congress Controversy भोपाल: क्या मध्य प्रदेश कांग्रेस में सबकुछ ठीक चल रहा है। क्योंकि, पिछले कुछ दिनों से मीडिया में कई तरह की बातें सामने आ रही हैं। हालांकि इन अटकलों पर विराम लगाने के लिए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ (Kamal Nath on PCC Chief Jitu Patwari) ने बड़ा बयान दिया है। कमलनाथ ने क्या कुछ कहा है और पूरा मामला क्या है आइए विस्तार से जानते हैं।
क्या मध्य प्रदेश कांग्रेस में सब कुछ ठीक है?
26 जनवरी को महू में राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की मौजूदगी में बड़ी रैली आंबेडकर की जन्मस्थली पर होने वाली है। उसके पहले कमलनाथ अपनी नाराजगी जता चुके हैं। उन्होंने कहा कि आजकल ऐसा हो रहा है कि संगठन में नियुक्तियों के बारे में मुझसे पूछा तक नहीं जा रहा है। पूर्व सीएम ने कहा, "नियुक्तियों के बारे में वरिष्ठ नेताओं से बात की जानी चाहिए। मुझे बैठकों के बारे में भी कोई जानकारी नहीं दी जाती है और ऐसा पहले भी होता रहा है। हाल ही में मुझे मीडिया के जरिए जानकारी मिली कि कांग्रेस कार्यालय में बैठक हुई।"
क्या कांग्रेस में नाराजगी की बात है निराधार?
कमलनाथ की नाराजगी के समर्थन में वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह भी साथ रहे। लेकिन, अब कमलनाथ ने अपने सुर बदल लिए हैं और कांग्रेस को एकजुट करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट शेयर किया है। मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ (MP Congress Leader Kamal Nath) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर लिखा है, "कांग्रेस की मजबूती के लिए और प्रदेश की व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए हम सब कांग्रेस जन एक हैं। विवाद का कोई प्रश्न नहीं है। पिछले दिनों हुई प्रदेश की राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक को लेकर मीडिया में नाराज़गी के जो कयास लगाए जा रहे हैं, वे निराधार हैं।"
कांग्रेस की मजबूती के लिए और प्रदेश की व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए हम सब कांग्रेसजन एक हैं। विवाद का कोई प्रश्न नहीं है।
पिछले दिनों हुई प्रदेश की राजनैतिक मामलों की समिति की बैठक को लेकर मीडिया में नाराज़गी के जो कयास लगाए जा रहे हैं, वे निराधार हैं।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) January 8, 2025
कमलनाथ क्यों है नाराज?
कांग्रेस में 2024 में बड़े बदलाव हुए। कमलनाथ से प्रदेश अध्यक्ष की कमान छीनने के बाद हारे विधायक जीतू पटवारी को प्रदेश कांग्रेस की कमान दी गई, लेकिन जीतू पटवारी को भी कांग्रेस में बड़े दिग्गजों का शिकार होना पड़ा। पिछले महीने कांग्रेस की मजबूती के लिए जीतू ने बैठक बुलाई, लेकिन उस बैठक में कमलनाथ, दिग्विजय सिंह सहित बड़े दिग्गज नदारद रहे। यहां तक कि नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार (Leader of Opposition Umang Singhar) भी थोड़ी देर के लिए सिर्फ औपचारिकता के लिए बैठक में पहुंचे थे। बड़े नेताओं की दूरी बनाने की वजह उनको तवज्जो नहीं मिलना था, लेकिन अब महू की बड़ी महारैली के पहले कमलनाथ का ये बयान बता रहा है कि हाईकमान ने इन नेताओं को आदेश दिया है कि आप उस तरह पार्टी की बैठकों को नकार नहीं सकते आप लोगों को काम करना होगा।
जीतू पटवारी के नेतृत्व पर सवाल
कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस ने 2018 के चुनाव में वापसी की थी, लेकिन महज 15 महीने ही कमलनाथ मुख्यमंत्री का सुख भोग सके। कांग्रेस सरकार में मंत्री और विधायक पार्टी छोड़कर सिंधिया के साथ बीजेपी में शामिल हो गए। वे मार्च 2020 से अप्रैल 2022 तक नेता प्रतिपक्ष रहे। इसके बाद उनसे पिछले साल अध्यक्ष पद भी छीन लिया गया और जीतू पटवारी को पद सौंप दिया गया। कांग्रेस की बैठकों में बड़े नेताओं का किनारा करना जीतू पटवारी के नेतृत्व पर भी सवाल खड़े करता है। वहीं, दिग्विजय सिंह भी मीटिंग में शामिल न होने की वजह बता चुके हैं। उन्होंने भी कहा कि मीटिंग का एजेंडा मोबाइल पर भेज दिया जाता है और इतने कम वक्त में मीटिंग उपस्थित नहीं हो सकता, इसलिए बैठक में वर्चुअली शामिल होना पड़ा।
प्रदेशवासियों,
मप्र का @JansamparkMP अब केवल @DrMohanYadav51 सत्ता के कारनामों को छुपाने की नाकाम कोशिश कर रहा है!@BJP4MP में मची लूट, सरकारी भ्रष्टाचार व सिर-फुटव्वल से ध्यान भटकाने के लिए, यही लोग मीडिया में झूठी खबरें फैलाते हैं!मुख्यमंत्री के मातहत विभाग का पर्दाफाश करने… https://t.co/xgFe1Nh8dN
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) January 8, 2025
जीतू पटवारी भी दे चुके हैं जवाब
जीतू पटवारी ने कमलनाथ के एकजुटता बयान पर जवाब दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा है, "मप्र का जनसंपर्क विभाग अब केवल सीएम मोहन यादव के सत्ता के कारनामों को छुपाने की नाकाम कोशिश कर रहा है! @BJP4MP में मची लूट, सरकारी भ्रष्टाचार व सिर-फुटव्वल से ध्यान भटकाने के लिए, यही लोग मीडिया में झूठी खबरें फैलाते हैं! मुख्यमंत्री के मातहत विभाग का पर्दाफाश करने के लिए आदरणीय कमलनाथ जी का बहुत-बहुत आभार।"
क्या सीनियर नेताओं की राय के बाद लिए जाते हैं फैसले?
वहीं, दूसरी तरफ जीतू पटवारी कह चुके हैं कि सीनियर नेताओं की राय के बाद ही फैसले लिए जाते हैं, हो सकता है कुछ गलतफहमी (Madhya Pradesh Congress News) हो गई हो। उन्होंने प्रवक्ताओं की नियुक्ति पर भी कहा कि पता चला कि पार्टी के वरिष्ठ नेता खुश नहीं है तो सभी नियुक्तियां तत्काल निरस्त कर दी गईं।
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