Kangana Ranaut Emergency: फिल्म “इमरजेंसी” पर रोक को लेकर हाई कोर्ट में याचिका, मंगलवार को होगी सुनवाई
Kangana Ranaut Emergency: जबलपुर। एक्ट्रेस कंगना रनौत की अपकमिंग फिल्म इमरजेंसी के खिलाफ दायर याचिका पर आज जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। याचिका में फिल्म पर सिखों की भावनाएं आहत करने का आरोप लगाते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की गई है। कोर्ट ने बॉलीवुड एक्ट्रेस और हिमाचल प्रदेश के मंडी लोकसभा से भाजपा सांसद कंगना रनौत को फिल्म (Kangana Ranaut Emergency) के लिए नोटिस जारी किया गया है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की जबलपुर प्रिंसिपल पीठ ने मणिकर्णिका प्रोडक्शन, केंद्र सरकार, राज्य सरकार और सेंसर बोर्ड से जुड़े तमाम पक्षकारों को नोटिस जारी किया गया है।
हाई कोर्ट में 3 सितंबर को होगी सुनवाई
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के एक्टिव चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय की डबल बेंच में हुई सुनवाई में दूसरे पक्ष को सुनने के लिए मंगलवार 3 सितंबर की सुबह 10:30 बजे फिर सुनवाई की जाएगी। इसके लिए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस द्वारा फिल्म से जुड़े सभी संबंधित व्यक्तियों को इलेक्ट्रॉनिक और ऑनलाइन नोटिस जारी किए गए हैं, जिसमें उन्हें अपना पक्ष रखने का पर्याप्त मौका दिया गया है।
सिख संगत और श्री गुरु सिंह सभा के पदाधिकारियों ने दायर की है याचिका
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में जबलपुर के सिख संगत और इंदौर के श्री गुरु सिंह सभा के पदाधिकारियों द्वारा कंगना रानौत की इमरजेंसी फिल्म को रोकने और रिलीज से पहले सिख समुदाय को फिल्म दिखाने की मांग करते हुए याचिका दायर की गई थी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव सचदेवा ने इमरजेंसी फिल्म की सुनवाई के दौरान सिख समुदाय द्वारा किए जा रहे सेवा कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि सिख समुदाय ने हमेशा लोगों की भलाई के कार्य किए है। उन्होंने विशेष रूप से कोरोना काल का उदाहरण दिया, जब गुरुद्वारों से ऑक्सीजन सिलेंडर और खाने-पीने का सामान लोगों को मुहैया कराया गया था।
क्यों है फिल्म पर विवाद
कंगना रानौत की फिल्म इमरजेंसी (Kangana Ranaut Emergency) देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जीवन पर बनी हुई है। बताया जा रहा है कि इसमें इंदिरा गांधी द्वारा देश में लागू किए गए आपातकाल और अमृतसर में स्थित स्वर्ण मंदिर पर सेना के अभियान से जुड़ी कहानी भी बताई गई है। इसके चलते सिख कम्यूनिटी का चित्रण नेगेटिव रूप में किया गया है। इसी वजह से सिख समुदाय फिल्म को रिलीज से पहले देखने और इस पर बैन लगाने की मांग कर रहा है।
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