Kuno National Park: नन्हे चीतों की किलकारी से फिर गूंजा कूनो, मादा चीता वीरा ने दिया दो शावकों को जन्म

'चीतों की धरती' के नाम से प्रसिद्ध मध्य प्रदेश में मादा चीता ने दो नन्हे शावकों को जन्म दिया है। इन दोनों शावकों के जन्म पर प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेशवासियों को बधाई दी है।
kuno national park  नन्हे चीतों की किलकारी से फिर गूंजा कूनो  मादा चीता वीरा ने दिया दो शावकों को जन्म

Kuno National Park: भोपाल। 'चीतों की धरती' के नाम से प्रसिद्ध मध्य प्रदेश में मादा चीता ने दो नन्हे शावकों को जन्म दिया है। इन दोनों शावकों के जन्म पर प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेशवासियों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चीतों का कुनबा बढ़ने से राज्य में पर्यटन को नई उड़ान मिल रही है और रोजगार के नित नए अवसर खुल रहे हैं। उन्होंने इस प्रोजेक्ट से जुड़े सभी अधिकारियों, चिकित्सकों एवं फील्ड स्टाफ को भी बधाई दी है।

सोशल मीडिया पर ट्वीट कर सीएम ने दी बधाई

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोशल मीडिया पर एक ट्वीट करते हुए लिखा, “नन्हें चीतों की किलकारी से फिर गूंजा कूनो.. मध्यप्रदेश की 'जंगल बुक' में 2 चीता शावकों की दस्तक... मुझे यह जानकारी साझा करते हुए अत्यंत आनंद की अनुभूति हो रही है कि मध्यप्रदेश की धरती पर चीतों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। आज मादा चीता वीरा ने 2 नन्हें शावकों को जन्म दिया है, मध्यप्रदेश की धरती पर चीता शावकों का स्वागत है एवं प्रदेशवासियों को इन नन्हें शावकों के आगमन पर हार्दिक बधाई प्रेषित करता हूं।”

क्यों खास है कुनो नेशनल पार्क

मध्य भारत स्थित विंध्य की पहाड़ियों में कुनो राष्ट्रीय उद्यान (Kuno National Park) एक दुर्लभ जंगल है जिसकी कहानियां बहुत पुरानी है। प्राचीन किलों और संरचनाओं से भरे इस स्थान पर अब जंगल है जिसमें करधई, खैर और सलाई के पेड़ भारी मात्रा में मौजूद है। यहां बहने वाली कुनो नदी के नाम पर ही सरकार ने कुनो नेशनल पार्क प्रोजेक्ट शुरू किया था। प्रोजेक्ट के तहत यहां पर चीतों को लाकर बसाने का निर्णय लिया गया। दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से लाए गए चीतों को यहां बसाया गया और धीरे-धीरे उनकी आबादी बढ़ रही है।

चीतों के चलते देश-विदेश से आते हैं पर्यटक

चीतों के चलते कुनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) पूरे विश्व में अपनी तरह का अनोखा प्रोजेक्ट बन चुका है। यहां देश-विदेश से लोग चीते देखने आते हैं जिसके चलते यहां रोजगार भी उपलब्ध हुए हैं। चीतों के बढ़ते कुनबे के कारण मध्य प्रदेश आने वाले काफी पर्यटक यहां भी आते हैं और पार्क में घूमना पसंद करते हैं। यही वजह है कि प्रदेश सरकार भी इस प्रोजेक्ट को लेकर गंभीर है और चीतों के संरक्षण तथा संवर्धन के लिए प्रयास कर रही है।

(भोपाल से सरस्वती चंद्र की रिपोर्ट)

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