Microbeat System Patrolling: अपराधों पर रोक लगाने के लिए ग्वालियर पुलिस की अनूठी पहल, माइक्रोबीट सिस्टम पेट्रोलिंग आज से चालू

Microbeat System Patrolling: ग्वालियर। जिला पुलिस द्वारा अपराधों पर लगाम लगाने के लिए एक नई पहल की गई है। इस पहल के तहत माइक्रोबीट सिस्टम लागू किया जा रहा है।
microbeat system patrolling  अपराधों पर रोक लगाने के लिए ग्वालियर पुलिस की अनूठी पहल  माइक्रोबीट सिस्टम पेट्रोलिंग आज से चालू

Microbeat System Patrolling: ग्वालियर। जिला पुलिस द्वारा अपराधों पर लगाम लगाने के लिए एक नई पहल की गई है। इस पहल के तहत माइक्रोबीट सिस्टम लागू किया जा रहा है। जिसमें माइक्रोबीट के साथ ही सब -बीट भी होगी। इससे अपराध घटित होने पर उसकी जिम्मेदारी संबंधित को सौंपी जा सके और उस मामले का तत्काल निराकरण भी हो सके। माइक्रोबीट में आरक्षक, प्रधानारक्षक और सब बीट की जिम्मेदारी SI और ASI पर रहेगी।

अपराधों पर लगेगी लगाम

यह सिस्टम लागू करने के पीछे का मामला यह है कि घटना घटित होने पर तुरंत कार्रवाई हो और वारंट तामील के साथ ही घटना होने पर तुरंत पहुंचकर कार्रवाई शुरू की जा सके। इसके साथ ही शहर में माइक्रो पेट्रोलियम भी शुरू की जा रही है। पुलिस कप्तान ने बातचीत में बताया कि माइक्रोवेव सिस्टम लागू होने से अब थानों का कार्य आसान हो जाएगा। थाना प्रभारी सहित अन्य अफसर को कार्य में आसानी भी होगी।

बीट की जिम्मेदारी जहां अफसर पर रहेगी और अब माइक्रोबीट में प्रधान आरक्षक और आरक्षक इसके प्रभारी होंगे। इससे जिम्मेदारी होने पर वह अपने क्षेत्र में अपराध निकाल सहित अन्य कार्यों में जल्द कार्रवाई भी कर सकेंगे। उनका लोकल नेटवर्क होने से अपराधी अब उनके क्षेत्र से दूर रहेंगे। पुलिस जमीनी स्तर पर नेटवर्क भी तेज कर सकेंगे, जिसका फायदा पुलिस के साथ-साथ आम लोगों को भी होगा और अपराधों पर लगाम लगाने के लिए यह बेहतर प्रयास होगा।

Microbeat System Patrolling

पुलिस रहेगी एक्टिव

पुलिस कप्तान के अनुसार माइक्रोबेव से अब लगभग एक थाने में करीब 70 से 80 माइक्रोबीट बनेगी। उनकी जिम्मेदारी प्रधान आरक्षक और आरक्षक को दी जाएगी, जिसमें करीब 100 मीटर या उससे अधिक क्षेत्र प्रधानारक्षक व आरक्षक को सौंपी जाएगी। सीमित क्षेत्र होने की चलते वह अपने क्षेत्र में सक्रिय रह पाएंगे। इसके साथ ही अब इस बीट सिस्टम से उनके इलाके में हो रही अवैध गतिविधियों जैसे गंज इसमें एक जुआ-सट्टा आदि अनेक अनैतिक गतिविधियों पर भी शिकंजा कस सकेगा।

टीम में इतने पुलिसकर्मी होंगे शामिल

इस नई प्रणाली के लागू होने से अब हर थाने में चार माइक्रो पेट्रोलिंग टीम कार्य करेंगे। इस टीम में लगभग 32 पुलिस कर्मचारी शामिल रहेंगे। यह तीन शिफ्टों में ड्यूटी करेंगे। चार-चार टीमें पेट्रोलिंग व चेकिंग करेंगी। वहीं, रात में 8 टीम में एक साथ पेट्रोलिंग करेंगे। घटना होने पर तुरंत पुलिस बल मौके पर पहुंच सकेगी। इसमें एक महिला आरक्षण की भी तैनाती की जाएगी, जो कि पेट्रोलिंग और चेकिंग दोनों में शामिल रहेगी। इसका मकसद ग्वालियर शहर में बढ़ रही अपराधों पर अंकुश लगाना है।

(ग्वालियर से सुयश शर्मा की रिपोर्ट)

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