MP News: वोट दिलाऊ फैसले चुनाव जीतने के लिए लेने पड़ते हैं - केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह
MP News: भोपाल। एमपी में बीजेपी की सरकार बने इसलिए शिवराज सिंह लाड़ली बहना स्कीम लाए। जिससे पार्टी को वोट मिले और सरकार बने और हुआ भी यही। वोट बैंक के रूप में महिलाओं को रिझाया गया और शिवराज ने फिर सरकार बना ली। एक देश एक चुनाव के लिए शिवराज भोपाल के निजी कॉलेज पहुंचे और छात्रों को बताया कि एक देश एक चुनाव क्यों जरूरी है?
शिवराज सिंह लगातार हैं कैंपेन में बिजी
शिवराज सिंह ने कहा कि अब पिछले साल नवंबर-दिसंबर में एमपी, छत्तीसगढ़, राजस्थान विधानसभा चुनाव हुए। विधानसभा चुनाव की थकान उतरी नहीं थी कि 4 महीने बाद ही लोकसभा चुनाव आ गया। विधानसभा चुनाव में 6 महीने तो कुछ हुआ ही नहीं था। आचार संहिता, कोड ऑफ कंडक्ट के कारण विकास (MP News) के काम ठप थे। वो चुनाव हुए और चार महीने बाद फिर लोकसभा के चुनाव आ गए। चार-छह महीने नहीं गुजरे कि फिर हरियाणा, जम्मू कश्मीर, झारखंड, महाराष्ट्र के चुनाव आ गए और नेता फिर चुनाव में भिड़ गए।
वन नेशन, वन इलेक्शन फोरम बनें
केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं चाहता हूं कि स्टूडेंट फॉर वन नेशन, वन इलेक्शन एक फोरम बनें। इस फोरम को स्टूडेंट्स खुद बनाएं। एक राष्ट्र, एक चुनाव, एक जन-अभियान बनें, एक आंदोलन बनें और इस अभियान की अगुवाई स्टूडेंट करें। सोशल मीडिया पर भी एक अभियान चले और इस देश से एक आवाज बुलंद हो कि हम एक राष्ट्र, एक चुनाव के पक्ष में खड़े हैं। हम इस अभियान का समर्थन करते हैं। जनता के दबाव में हम विवश कर दें।
सभी राजनैतिक दलों के धन और समय की बर्बादी नहीं होने देंगे। विकास के काम ठप्प नहीं होने (MP News) देंगे। देश की प्रगति और विकास में बार-बार होने वाले चुनाव को बाधा नहीं बनने देंगे। इसलिए देश में एक बार और एक साथ चुनाव होने चाहिए। अब समय आ गया है कि देश में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव एक साथ कराए जाएं।
1967 तक होते थे एक साथ चुनाव
केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वर्ष 1967 में भी हमारे देश में एक साथ चुनाव होते थे। पहले बैलेट पेपर से चुनाव होते थे फिर बैलेट पेपर पर मुहर लगाई जाती थी और अब ईवीएम के माध्यम से चुनाव कराए जाते हैं। शिवराज सिंह ने कहा कि तत्कालीन केंद्र सरकार ने राज्यों में दूसरे दलों की सरकार बनने पर अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग कर विधानसभाएं भंग करना शुरू कर दिया और तब से एक साथ चुनाव बंद हो गए। लोकसभा और विधानसभा के चुनाव अलग-अलग होने लगे। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि देश के चुनाव आयोग ने 1983 में सबसे पहले कहा कि देश में एक बार एक साथ चुनाव होना चाहिए।
फिर वर्ष 1999 में विधि आयोग ने भी यही कहा कि देश में एक साथ चुनाव हो। देश के न्यायधीश, मुख्य न्यायधीश, पूर्व चुनाव आयुक्त और अनेक विचारशील लोगों ने इस बहस को आगे बढ़ाकर एक साथ चुनाव कराने पर जोर दिया था। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने ये मुद्दा उठाया कि देश के संविधान में संशोधन कर एक साथ चुनाव कराने चाहिए। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द जी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति बनाई गई। उस समिति ने विचार विमर्श किया और रिपोर्ट के आधार पर 87% लोगों ने कहा कि हमारे देश में एक साथ चुनाव होना चाहिए। शिवराज सिंह ने कहा कि देश के विद्वान, विचारक, सोचने वाले, अनेकों राजनैतिक दल सब यही चाहते हैं कि एक राष्ट्र, एक चुनाव होने चाहिए।
(भोपाल से सरस्वती चंद्र की रिपोर्ट)
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