MP Politics News: दीपक जोशी के बीजेपी में आने पर सियासत में चलने लगे शब्दों के बाण, भगवान भरोसे कांग्रेस की नैया?
MP Politics News: भोपाल। बीजेपी से खफा होकर कांग्रेस में गए दीपक जोशी का कांग्रेस में ज्यादा दिल नहीं लगा। उन्होंने आखिरकार अपनी मातृ पार्टी का दामन फिर से थाम लिया। दीपक जोशी बोले कि आज मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा है कि मैं अपने घर पर आ गया हूं। पूर्व मंत्री दीपक जोशी का मनमुटाव बीजेपी से 2023 में हुआ, जब वे रोते हुए कांग्रेस में शामिल हुए थे। कांग्रेस ने उनको विधानसभा का टिकट दिया लेकिन वे खातेगांव से हार गए। लोकसभा चुनाव में अटकलें लगाई गई कि दीपक जोशी फिर से बीजेपी में आ जाएंगे।
बीजेपी ने नहीं दिया था टिकट
दीपक जोशी एमपी के पूर्व सीएम कैलाश जोशी के बेटे हैं। वह शिवराज सरकार में मंत्री भी थे। 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ जोशी को चुनाव हराने वाले की एंट्री बीजेपी में हो गई। इसके बाद दीपक जोशी की पूछ परख पार्टी में कम हो गई। साथ ही यह तय हो गया था कि 2023 में उनका टिकट कटना तय है। टिकट की चाह में जोशी कांग्रेस में गए। दीपक जोशी फूट-फूटकर रोए थे। दीपक जोशी का मन बीजेपी से भंग हो गया था। दीपक ने कहा था कि यदि पार्टी मौका देगी तो मैं शिवराज सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ूंगा। बुधनी में शिवराज सिंह की मौजूदगी में उनको फिर बीजेपी में शामिल कराया गया।
बीजेपी में आने की पूरी तैयारी थी
बीजेपी के सदस्यता अभियान के दौरान कई कांग्रेसी बीजेपी में शमिल हुए थे। उस वक्त दीपक की बीजेपी में आने की अटकलें लगाई जा रही थीं और दीपक भी तैयार थे। दीपक जोशी अपने घर से भोपाल की तरफ निकल पड़े थे। लेकिन, फिर उनके पास फोन आया कि अभी आपको शामिल नहीं किया जा रहा है। बताया गया कि पार्टी के वरिष्ठ नेता आपकी बीजेपी में वापसी नहीं चाहते।
इन्होंने कहा 8वां विकेट भी गिरा
बीजेपी प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा कि 335 सदस्यीय मध्य प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी में से अभी तक 7 इस्तीफ़े हो चुके हैं। इनमें से एक प्रमोद टंडन ने पद से इस्तीफ़े के साथ-साथ कांग्रेस भी छोड़ दी। वहीं, आज कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी में विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर शामिल किए गए कमलनाथ समर्थक दीपक जोशी ने भी आज कांग्रेस को टाटा-बाय-बाय कर दिया। अब 327 बचे हैं, जिसमें से 250 से अधिक भारी नाराज़ हैं। इन्होंने अभी तक पद मिलने की कही भी कोई ख़ुशी ज़ाहिर नहीं की है। सलूजा का कहना है कि कमलनाथ जी की नाराजगी जारी है। पहले चुनावी दौरा कैंसिल किया और अब समर्थकों का पार्टी छोड़ना जारी है। 13 नवंबर के बाद पटवारी के खिलाफ कुछ बड़ा होने की खबरें भी सामने आ रही हैं।
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