Union Carbide Waste News: नहीं रुक रही यूनियन कार्बाइड कचरा पर सियासत, अगर जला तो होंगे गंभीर परिणाम!
Union Carbide Waste News: इंदौर। 40 साल बाद यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा भोपाल से इंदौर के 20 किलोमीटर नजदीक पीथमपुर में रामकी कंपनी में आखिरकार पहुंच ही गया। लेकिन इस जहरीले कचरे के पीथमपुर पहुंचने पर सियासी घमासान भी शुरू हो गया। सीएम के निर्देश के बाद धार के प्रभारी और कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने एआईसीटीसीएल परिसर में बैठक आयोजित की, जिसमें शहर के प्रबुद्धजीवी वर्ग और इस विषय के जानकार के साथ इंदौर-धार के जनप्रतिनिधि अधिकारी मौजूद रहे।
कचरे पर सियासत
भोपाल गैस त्रासदी का यूनियन कार्बाइड का 337 मैट्रिक टन कचरा पीथमपुर की रामकी कंपनी में पहुंच चुका है। इसके बाद न केवल विपक्ष बल्कि आम जनता और प्रबुद्ध जीवी वर्ग भी इसके लिए चिंता जाहिर कर रहे हैं। मध्य प्रदेश सरकार की ओर से प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और धार जिले के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने शहर के प्रबुद्ध जीवी वर्ग और तकनीकी रूप से इस विषय पर जानकारी रखने वाले लोगों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इसमें धार और इंदौर के जनप्रतिनिधि और अधिकारी भी मौजूद रहे। पूरी बैठक के सर में अधिकतर लोग पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाने के विरोध में ही नजर आए।
स्वास्थ्य के लिए घातक बताया
यूनियन कार्बाइड को लेकर डॉक्टरों की टीम के साथ याचिका लगाने वाले डॉक्टर एसएस नैय्यर ने इसे लोगों के स्वास्थ्य के लिए काफी घातक बताया है। यह कचरा अगर जलता है तो लोगों के लिए लीवर और कैंसर की संख्या तेजी से बढ़ जाएगी। वहीं, केमिस्ट्री के जानकार और प्रोफेसर एसएल गर्ग ने कहां है कि अभी फिलहाल इस कचरा में क्या है, उसकी जांच जरूर हो जाना चाहिए। क्योंकि, जहरीली गैस पहले ही वातावरण में मिलकर खत्म हो चुकी है लेकिन कचरा जलने के पहले उसकी जांच आवश्यक है।
कोर्ट का रुख कर सकते हैं नेता
धार विधायक नीना वर्मा का कहना है कि अगर उन्हें लगा तो वह भी कोर्ट में इसके खिलाफ पीआईएल दायर करेंगे। उनका मानना तो यह है कि कचरा निष्पादन करने वाली रामकी कंपनी को ही बंद कर देना चाहिए। सरकार की ओर से पक्ष रखने आए कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है की सभी लोगों का सजेशन लिया जा रहा है। सभी का पक्ष सरकार के सामने रखा जाएगा और कोर्ट में भी इस पक्ष को रखेंगे। हालांकि, सरकार की ओर से रीट पिटीशन लगाने को लेकर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। यह जरूर कहा है कि इस मामले में एक प्राइवेट रीट पिटीशन पहले से लगी हुई है।
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