Shamgarh Harda Rail Project: चुनाव जीतने के बाद जनप्रतिनिधि भूले शामगढ़-हरदा रेलवे लाइन को स्वीकृत कराने का वादा
Shamgarh Harda Rail Project: आगर मालवा। लंबे समय से क्षेत्र के लोगों द्वारा लगातार मांग किए जाने वाले 1980 से अधर में लटके शामगढ़-हरदा रेल प्रोजेक्ट के फिर से शुरू होने की उम्मीद जगी थी। जब चुनाव के समय पिछले वर्ष शाजापुर की जन आशीर्वाद यात्रा में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने के प्रयास करने की बात कही थी। मालवा और महाराष्ट्र के सीधे संपर्क के साथ ही शामगढ़, शाजापुर, आगर मालवा के सुसनेर, नलखेड़ा एवं कानड क्षेत्र को विकास पंख लगाने वाले इस प्रमुख शामगढ़-हरदा रेल प्रोजेक्ट की फाइल 44 सालों से रेल मंत्रालय में पड़ी धूल खा रही है।
रेल मंत्री ने की थी प्रोजेक्ट की बात
पिछले साल जन आशीर्वाद यात्रा में शाजापुर आए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से जनप्रतिनिधियों और मीडिया ने इस फाइलों में दफन इस प्रोजेक्ट के बारे में बात की थी। तब उन्होंने दिल्ली पहुंचकर इसकी फाइल निकलवाने की बात कही थी। फाइल तो नहीं निकली लेकिन दोबारा रेल मंत्रालय में मंत्री बन गए। जानकारी के अनुसार, भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा में शाजापुर आए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से शामगढ़-हरदा रेल प्रोजेक्ट के बारे में मीडिया ने सवाल किया।
उन्होंने कहा कि देवास-शाजापुर सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी और प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार भी इस मामले को संज्ञान में लिया। दिल्ली पहुंचकर इस प्रोजेक्ट की फाइल निकलवाई जाएगी। चुनाव जीतने के बाद लगता है सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधि अपना ये शामगढ़-हरदा रेलवे लाइन स्वीकृति दिलाने का वादा भूल गए। इस प्रोजेक्ट की स्वीकृति के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है।
335 किमी लंबा है प्रस्तावित रेल मार्ग
उल्लेखनीय है कि 31 मई 1980 को तत्कालीन शाजापुर-देवास सांसद बापूलाल मालवीय ने भी तत्कालीन रेल मंत्री के सामने शामगढ़-हरदा रेल लाइन प्रोजेक्ट रखा था। 335 किमी लंबे रेल मार्ग के प्रोजेक्टर को रेलवे ने बनवाया था। शामगढ़-हरदा रेल प्रोजेक्ट जमीन पर उतरता है तो शामगढ़ सीधे रतलाम-भोपाल रेल लाइन से जुड़ जाएगा। इसके अलावा यहां से सीधे महाराष्ट्र के लिए नई लाइन होगी। दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग के समानांतर एक नया मार्ग भी मिलेगा। शामगढ़-हरदा रेल लाइन से शाजापुर, आगर मालवा के सुसनेर से होते आमला नलखेड़ा के बीच होकर गुजरकर कानड, शाजापुर, देवास, सीहोर चार जिले के लोगों को सीधे इसका लाभ मिलेगा।
इन क्षेत्रों का सीधे राजस्थान और महाराष्ट्र से रेल संपर्क हो जाएगा। तत्कालीन जनप्रतिनिधियों की मांग के अनुरूप यदि शामगढ़-हरदा रेल मार्ग बिछ जाता है तो शामगढ़ के साथ शाजापुर बड़ा रेल जंक्शन बन जाएगा। अभी मक्सी-गुना लाइन पर स्थित शाजापुर का नई लाइन से सीधे कोटा, भोपाल से कनेक्शन हो जाएगा।
इन नगरों से होकर गुजरेगा नया रेल मार्ग
प्रोजेक्टस के अनुसार, नया रेलमार्ग शामगढ़ से सोयतकलां, सुसनेर आमला-नलखेड़ा, आगर मालवा, कानड़, दुपाड़ा, शाजापुर, बेरछा, पोलायकला, अवंतिपुर बड़ोदिया, आष्टा, नेमावर होते हुए सीधे हरदा तक डलना था। 44 साल में किसी भी सांसद एवं अन्य जनप्रतिनिधियों ने इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के बारे में आवाज नहीं उठाई। जन प्रतिनिधियों की अनदेखी के चलते प्रस्ताव रेल मंत्रालय की फाइलों में दब गया।
अगर शामगढ़-हरदा रेल प्रोजेक्ट अमल में आ गया तो विकास के नए द्वार खुल जाएंगे। वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता विष्णु भावसार ने कहा कि शामगढ़-हरदा रेल प्रोजेक्ट के लिए पुरजोर पहल होना चाहिए, जिससे पिछड़े क्षेत्र का समुचित विकास हो सके। हम सबको इसके लिए पुरजोर आवाज उठानी चाहिए।