Singrauli News: कोयले के लिए हटाए जाएंगे 1 लाख से ज्यादा लोग, मिटने वाला है सिंगरौली का नामोनिशां!
Singrauli News: सिंगरौली। मोरवा जिसे सिंगरौली के नाम से भी जाना जाता है, उसकी पहचान जल्द मिटने वाली है। मध्यप्रदेश में हरसूद के बाद सबसे बड़ा विस्थापन होगा। नार्दर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड जिसका मुख्यालय सिंगरौली में है। उसने पहली मर्तवा अपना मास्टर प्लान तैयार किया है। इसके तहत कोयला उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए मुहेर सब बेसिन को मिलाकर सिंगरौली मेन बेसिन में तेजी से कोयला खनन पर जोर दिया है।
क्या मिट जाएगा सिंगरौली
सन 2032 तक के लिए बने इस मास्टर प्लान का सबसे बड़ा पहलू सिंगरौली का विस्थापन है। इसमें एनसीएल ने अपने मुख्यालय और आवासीय कालोनी सहित पूरे सिंगरौली को हटाने की रूपरेखा बनाई है। कंपनी का लक्ष्य, अगले दस सालों में यहां से कोयला उत्पादन शुरू (Singrauli News) करने का है। मास्टर प्लान को लेकर कोई अवरोध न आए, इससे बचने के लिए कंपनी ने अपने बोर्ड के साथ इसमें कोल इंडिया के बोर्ड की भी मुहर लगवा ली है। यानी अब मोरवा को कोई राहत मिलने की संभावना नजर नहीं आ रही।
क्या कहते हैं आंकड़े?
- सिंगरौली कोल फील्ड्स का कुल एरिया २२०२ वर्ग किमी है।
- मुहेर सबबेसिन ३१२ वर्ग किमी में फैला है।
- सिंगरौली मेन बेसिन १८९० वर्ग किमी में फैला है।
- अभी तक जो भी कोयला खनन हो रहा है वो मुहेर सबबेसिन में ही है।
- मुहेर सबबेसिन का भी पूरा दोहन नहीं किया जा सका।
- मास्टर प्लान में पूरे कोल फील्ड्स में खनन की तैयारी।
- वार्ड क्रमांक--3,4,5,6,7,8,9,10 की कुल 1485 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित 20 हजार मकान टूटेंगे।
मोरवा के स्थानीय लोगों के अनुसार पूरे मोरवा शहर में लगभग 20 हजार मकान हैं। इस लिहाज से विस्थापन का शिकार लगभग एक लाख की आबादी होगी। मोरवा के विस्थापन को एशिया में नगरीय क्षेत्र का सबसे बड़ा विस्थापन बताया जा रहा है।
(सिंगरौली से ओम प्रकाश दुबे की रिपोर्ट)
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