Soyabean MSP Rate: सोयाबीन पर बढ़ने लगी सियासत, बीजेपी और कांग्रेस आए आमने-सामने
Soyabean MSP Rate: भोपाल। प्रदेश में सोयाबीन ही एक मात्र ऐसी फसल है जिससे किसानों को अच्छी आय की उम्मीद रहती है। पिछले कुछ सालों से सोयाबीन के दामों में बढ़ोत्तरी नहीं होने से किसानों को घाटा लग रहा है। सरकार ने इस बार समर्थन मूल्य को निर्धारित करते हुए किसानों को राहत पहुंचाने का काम तो किया लेकिन इससे किसान अभी भी संतुष्ट नहीं हैं। अब इस मामले में कांग्रेस ने भी अड़ंगा लगा दिया है।
सोयाबीन पर सियासत
किसानों के मुद्दे को लेकर चुनाव जीतते आए नेताओं के बीच एक बार फिर से फसल को लेकर घमासान मचा हुआ है। किसानों के मुद्दे पर लंबे समय से बीजेपी और कांग्रेस में राजनीति होती रही है। कांग्रेस का कहना है कि सोयाबीन के दाम को 6,000 रूपये प्रति क्विंटल करना चाहिए। जबकि, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इसे अभी 4,892 रूपये प्रति क्विंटल की दर पर खरीदने की एमएसपी लागू होने की बात कही। हालांकि, कुछ किसानों का कहना है कि सीएम ने जो एमएसपी बढ़ाई है वह काफी है। इससे नुकसान नहीं होगा।
सोयाबीन का भाव बढ़ना जरूरी
एक अन्य किसान का कहना है कि सोयाबीन के दाम वर्तमान में 6,000 रुपये प्रति क्विंटल होना ही चाहिए। किसान का कहना है कि साल 2012 से अभी तक सोयाबीन के दाम नहीं बढ़े हैं, जबकि महंगाई करीब दो गुना हो गई। ऐसी कंडीशन में सोयाबीन के भाव अधिक होना ही चाहिए। एक अन्य किसान विजय पटेल का कहना है कि एक बीघा जमीन पर सोयाबीन की फसल लगाने में करीब नौ हजार का खर्च आता है। जबकि, मौसम साथ दे तो करीब तीन क्विंटल सोयाबीन की पैदावार हो सकती है। छोटे किसान को सोयाबीन से काफी उम्मीद रहती है। वर्तमान में कई मंडियों में 3500 रुपए क्विंटल सोयाबीन बिक रही थी, जिससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा था।
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