Srikrishna Patheya Trust: कैबिनेट ने श्रीकृष्ण पाथेय न्यास के गठन को दी हरी झंडी, चयनित 209 स्टाफ नर्सों को नियुक्ति को भी स्वीकृति
Srikrishna Patheya Trust: भोपाल। मोहन कैबिनेट ने मध्य प्रदेश में भगवान श्रीकृष्ण से संबंधित स्थानों को तीर्थ के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से एक प्रस्ताव को स्वीकृति दी। मध्य प्रदेश लोक न्यास अधिनियम 1951 के अंतर्गत "श्रीकृष्ण पाथेय न्यास" का गठन किए जाने को हरी झंडी मिल गई है। भगवान श्रीकृष्ण से संबंधित क्षेत्रों का साहित्यिक व सांस्कृतिक संरक्षण और संवर्धन किया जाएगा। न्यास द्वारा भगवान श्रीकृष्ण के मंदिरों एवं संरचनाओं का प्रबंधन, सांदीपनि गुरुकुल की स्थापना के लिए परामर्श, सुझाव, श्रीकृष्ण पाथेय के स्थानों का सामाजिक, आर्थिक तथा पर्यटन की दृष्टि से विकास, पुस्तकालय, संग्रहालय की स्थापना आदि गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित न्यास में कुल 28 सदस्य होंगे।
भगवान कृष्ण से जुड़ी चीजों का संरक्षण
"श्रीकृष्ण पाथेय न्यास" का मुख्यालय भोपाल होगा। इसके लिए 6 पद सृजित किए जाएंगे। श्रीकृष्ण पाथेय न्यास अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिए शासन अथवा अन्य स्त्रोतों से अनुदान एवं दान प्राप्त कर सकता है। न्यास के संचालन एवं उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए शोध-सर्वेक्षण एवं विकास कार्य के लिए आवश्यकतानुसार विशेषज्ञ समितियों का गठन किया जा सकेगा। न्यास के लिए श्रीकृष्ण पाथेय न्यास विलेख तैयार किया जाएगा। विलेख मे न्यास के अधिकार, कार्यकारी समिति, सदस्यों, कार्यकारी समिति के अधिकार, न्यासी सचिव के अधिकार, मुख्य कार्यपालक अधिकारी के अधिकार, न्यास के लेखे एवं अंकेक्षण एवं न्यास के कार्यक्षेत्र एवं सीमा से संबंधित विषयों का विस्तारपूर्वक वर्णन होगा।
धार्मिक स्थलों का अंतरराष्ट्रीय प्रचार
श्रीकृष्ण पाथेय न्यास के उद्देश्यों में मध्य प्रदेश में भगवान श्रीकृष्ण के चरण जहां-जहां पड़े, उन स्थानों को तीर्थ के रूप में विकसित तथा संरक्षित करना और हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा को दर्शाता है। इसका डॉक्युमेंटेशन, अभिलेखन (रिकॉर्डिंग), छायांकन, फिल्मांकन तथा चित्रांकन आदि करना शामिल है। श्रीकृष्ण पाथेय न्यास के अंतर्गत अवस्थित भगवान श्रीकृष्ण के मंदिरों एवं उनमें स्थित जल संरचनाओं, वन सम्पदा, उद्यान आदि की सुरक्षा, संरक्षण, संवर्धन एवं प्रबंधन किया जायेगा। इन धार्मिक तीर्थ स्थलों का राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इसके साथ ही उज्जैन में 64 कलाओं और 14 विद्याओं की विधिवत शिक्षा के लिए संदीपनी गुरुकुल की स्थापना हेतु परामर्श, सुझाव एवं अन्य कार्यवाही की जाएगी।
नर्सों को मिलेगी नियुक्ति
मंत्रि-परिषद द्वारा प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल (वर्तमान में मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल) द्वारा 27 जनवरी, 2022 को घोषित परीक्षा परिणाम के आधार पर स्टॉफ नर्स के पद पर चयनित 209 अभ्यर्थियों को विभाग के अधीन संचालित चिकित्सा महाविद्यालयों में वर्तमान में उपलब्ध रिक्त पदों पर नियुक्ति दिए जाने के प्रस्ताव पर स्वीकृति प्रदान की गई है। साथ ही उज्जैन जिला अंतर्गत इंगोरिया-उन्हेल तक सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति दी। यह सड़क 23.71 कि.मी. लंबी होगी एवं 127 करोड़ 63 लाख रुपए की लागत से म.प्र. सड़क विकास निगम के माध्यम से विकसित की जाएगी।
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