TB Patient Upset: टीबी की दवा ले लिए दर-दर भटक रहे मरीज, अब तक इतने मरीजों की हो चुकी मौत

TB Patient Upset: शहडोल। एक ओर सरकार क्षय रोग को मिटाने का दावा कर रही है। वहीं, शहडोल जिले के खुद बीमार टीबी अस्पताल में टीबी के मरीज दवाओं के लिए तरस रहे हैं। टीबी के उपचार के लिए जरूरी...
tb patient upset  टीबी की दवा ले लिए दर दर भटक रहे मरीज  अब तक इतने मरीजों की हो चुकी मौत

TB Patient Upset: शहडोल। एक ओर सरकार क्षय रोग को मिटाने का दावा कर रही है। वहीं, शहडोल जिले के खुद बीमार टीबी अस्पताल में टीबी के मरीज दवाओं के लिए तरस रहे हैं। टीबी के उपचार के लिए जरूरी दवाओं की सरकारी अस्पतालों में 3 माह से सप्लाई नहीं हो रही है। इसका असर जिले के करीब 2 हजार से अधिक मरीजों पर सीधे तौर पर पड़ रहा है। सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों को दवाएं लिए बिना ही बैरंग लौटना पड़ रहा है। इससे मरीजों सहित उनके परिजनों व सम्पर्क वाले लोगों में टीबी रोग का संक्रमण फैलने की आशंका बनी हुई है। वहीं, जिले में टीबी से 18 मरीजों की मौत हो चुकी है। हैरत की बात यह है कि टीबी अस्पताल में गंदगी का अंबार लगा हुआ है, जिससे टीबी अस्पताल खुद बीमार सा लगने लगा है।

टीबी की दवाएं खत्म

साल 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का मिशन है लेकिन शहडोल जिले में पिछले 3 माह से टीबी की दवाएं खत्म हैं। आलम यह है कि जिले के सभी पांचों सेंटरों में टीबी की दवा खत्म हो गईं। इसके चलते दूर-दराज से दवा लेने आए मरीजों को दवा नहीं मिल पा रही है। मरीज आस-पड़ोस के जिलों में दवा के लिए भटक रहे हैं लेकिन उन्हें मेडिसिन नहीं मिल रही है। दरअसल केंद्र से इसकी सप्लाई होती है। करीब तीन महीने से दवा की सप्लाई ही नहीं हो रही। अप्रैल महीने से ऐसा संकट शुरू हुआ कि अब तक सुधार नहीं हो पाया। दवाओं के संकट के चलते मरीजों का डोज भी छूट रहा है। इससे मरीजों को दिक्कत बढ़ती जा रही है।

ऐसे हैं आंकड़े

आगे बढ़ने से पहले जरा आंकड़ों के आइने में हालात को समझ लेते हैं। आंकड़ों के अनुसार शहडोल जिले में वर्ष 2023 में टीबी के 3210 मरीज थे जिसमें 2,666 मरीज दवाओं के इस्तेमाल के बाद स्वस्थ हो गए थे, जबकी 12 मरीज की मौत हो गई थी। साल 2024 के पहले 6 महीनों में 1,545 मरीज थे। दवाओं की कमी की वजह से केवल 82 मरीज 13.04℅ ही अपना इलाज पूर्ण कर सके। वहीं, 6 माह में 18 मरीज की मौत हो गई।

मरीज के स्वस्थ होने के आंकड़ों में जो कमी आई है उसका एकमात्र कारण मरीज को मुफ्त में दी जाने वाली दवा के वितरण में कमी है। टीबी के मरीजों को पिछले 3 माह से अधिक समय से दवाएं नहीं मिल रही हैं। इस पूरे मामले में शहडोल CMHO डॉक्टर राजेश मिश्रा का कहना है कि अभी टीबी की दवाओं में कमी आई है। FDC-3 की थोड़ा कमी आई है, भोपाल बात हुई है। जल्द ही दवाइयां उपलब्ध हो जाएंगी।

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