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Tikamgarh Minor Rape: समुदाय विशेष के दो लोगों ने तंत्र विद्या करके आदिवासी नाबालिग से किया दुष्कर्म, पीड़िता ने 15 दिन तक काटे थाने के चक्कर

Tikamgarh Minor Rape: टीकमगढ़। जिले में महिलाओं के साथ दुष्कर्म जैसी घटनाएं लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। पुलिस की निष्क्रियता के चलते बेटियां घरों में भी सुरक्षित नही हैं। जिले से एक ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां...
03:52 PM Aug 30, 2024 IST | Shivanchal Goswami
Tikamgarh Minor Rape: टीकमगढ़। जिले में महिलाओं के साथ दुष्कर्म जैसी घटनाएं लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। पुलिस की निष्क्रियता के चलते बेटियां घरों में भी सुरक्षित नही हैं। जिले से एक ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां...

Tikamgarh Minor Rape: टीकमगढ़। जिले में महिलाओं के साथ दुष्कर्म जैसी घटनाएं लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। पुलिस की निष्क्रियता के चलते बेटियां घरों में भी सुरक्षित नही हैं। जिले से एक ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां एक आदिवासी नाबालिग युवती के साथ तांत्रिक ने तंत्र विद्या करके दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। खास बात यह है कि जब पीड़िता मामला दर्ज कराने पुलिस के पास आई तो उसे 15 दिन चक्कर काटने पड़े, तब जाकर कहीं मामला दर्ज हुआ।

तंत्र विद्या कर जबरन दुष्कर्म

जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है जिससे सभी का सिर शर्म से झुक जाएगा। यहां एक युवती के साथ समुदाय विशेष के लोगों ने तंत्र विद्या करके जबरदस्ती दुषकर्म की वारदात को अंजाम दिया। यह घटना तब हुई जब घर पर कोई नहीं था। तांत्रिक और उसके साथी ने युवती को घर से अगवा कर खेतों में ले गया और वहां दुराचार किया। पीड़िता इस दौरान आरोपियों से छोड़ने के लिए गिड़गिड़ाती रही लेकिन हैवानों ने उसकी एक ना सुनी।

पुलिस ने क्यों नहीं किया मामला दर्ज

इस पीड़िता का पिता दिल्ली में मजदूरी करने गया था। घर मे पीड़िता और उसकी मां रहती थीं। घटना के बाद महिला ने अपने पति को फोन पर पूरा जानकारी दी। हद तो तब हो गई जब पुलिस ने पीड़िता की कोई कार्रवाई नहीं सुनी। पीड़िता ने थाने के कई चक्कर लगाए लेकिन पुलिसकर्मियों के सिर पर जूं तक नहीं रेंगा। पीड़िता का पिता दिल्ली से घर वापिस आया और वह देरी पुलिस चौकी गए।

रिपोर्ट खिलने की बजाय चौकी प्रभारी ने उन्हें धमकाकर भगा दिया और ना ही पीड़िता की कोई बात सुनी और ना ही मामला दर्ज किया। करीब 15 दिन बाद जब सामाजिक संगठन ने मोर्चा संभाला तो पुलिस की नींद खुली और आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया। सवाल यह है कि आखिर पुलिस 15 दिनों से पीड़िता को गुमराह क्यों करती रही और उसका मामला दर्ज करने में 15 दिन क्यों लग गए?

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