Tiranga Yatra 2024: तिरंगामय हुआ समूचा मध्य प्रदेश, भारत माता की जयकारे के साथ दिल को छू लेंगे ये नजारे
Tiranga Yatra: जबलपुर। आजादी के जश्न के मौके पर जबलपुर में अनूठी तिरंगा यात्रा निकाली गई। यहां बरगी बांध के गेट खुले होने से उफनती नर्मदा नदी में ग्वारीघाट से तिलवारा घाट तक 10 किलोमीटर के दायरे में तैराकों ने तिरंगा यात्रा निकाली। हाथों में तिरंगा थामे और दिल में देश भक्ति का जज्बा लिए सैकड़ों तैराक तिरंगा यात्रा में शामिल हुए। तिरंगा यात्रा का मूल मकसद भारत की एकता और अखंडता है।
लहरों के बीच निकली तिरंगा यात्रा
स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पहले समूचे हिंदुस्तान में इस वक्त हर घर तिरंगा अभियान के तहत तिरंगा यात्राएं निकाली जा रही हैं। जबलपुर शहर में भी कई तिरंगा यात्रा निकलीं लेकिन पुण्य सलिला मां नर्मदा नदी में निकाली गई तिरंगा यात्रा बेहद खास रही। नर्मदा नदी की उफनती लहरों के बीच ग्वारीघाट से तिलवारा घाट तक करीब 10 किलोमीटर की तिरंगा यात्रा (Tiranga Yatra 2024) को जिसने भी देखा, वह बस देखता ही रह गया। हिंदुस्तान की आजादी दिवस के एक पहले से भारत के विभाजन की विभीषिका का दंश झेलने वाले भारतीय नर्मदा में यह तिरंगा यात्रा अखंड भारत के सपने को संजोकर हर साल 14 अगस्त को निकालते आ रहे है। साल 2005 से शुरू हुई तिरंगा यात्रा में हर धर्म के छोटे से लेकर बुजुर्ग तक शामिल होते रहे हैं।
सैलानियों का दिल हुआ बाग बाग बाग:
देश की एकता और अखंडता का संदेश देते हुए नर्मदा की लहरों को चीरते हुए निकलने वाली इस अनोखी यात्रा को देखने बड़ी संख्या में सैलानी भी पहुंचे। तिरंगा यात्रा से संस्कारधानी के साथ साथ मप्र की जीवन रेखा कही जाने वाली नर्मदा नदी भी पूरी तरह तिरंगामय नजर आई। करीब 300 से ज्यादा तैराकों ने 10 किलोमीटर कि यात्रा चार घंटे में तय की। इस मौके पर राजनेता से लेकर धर्मगुरु तक देशभक्ति से ओतप्रोत नजर आए और तिरंगा यात्रा का उत्साह वर्धन करने पहुंचे।
PWD मंत्री राकेश सिंह की अगुवाई में निकली तिरंगा यात्रा:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर आज़ादी के अमृतकाल में देश में कई जगह तिरंगा यात्रा निकाली जा रही है। जबलपुर पश्चिम विधानसभा की तिरंगा यात्रा बुधवार को लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह के नेतृत्व में निकाली गई। यह यात्रा शहीद भगत सिंह चौक कटंगा से प्रारंभ होकर शहर के मुख्य मार्गों से होती हुई नागपाल गार्डन में समाप्त हुई। इस दौरान सैकड़ों नागरिकों ने भारत माता की जयकारे लगाए।
इंदौर में कैलाश विजयवर्गीय करेंगे ध्वजारोहण:
15 अगस्त के दिन इंदौर में कैलाश विजयवर्गीय के द्वारा झंडा वंदन किया जाएगा। वहीं, प्रभारी मंत्रियों की सूची एक दिन पूर्व जारी होने के बाद इंदौर जिले के प्रभारी मंत्री मुख्यमंत्री मोहन यादव बने थे और झंडा वंदन करने की संभावना थी। लेकिन, अब लिस्ट के मुताबिक सीएम मोहन यादव भोपाल में ही झंडा वंदन करेंगे।वहीं, कैलाश विजयवर्गीय इंदौर में झंडा वंदन करेंगे। इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं।
यह भी कहा जा रहा कि सीएम रहते हुए कोई भी मुख्यमंत्री इंदौर में झंडा वंदन करता है तो उसकी सरकार गिर जाती है। पहला उदाहरण बाबूलाल गौर का है। बाबूलाल गौर जब मुख्यमंत् थे। उन्होंने इंदौर में झंडा वंदन किया था और उसके बाद उनकी कुर्सी चली गई थी। इसके बाद कमलनाथ ने भी इंदौर में झंडा वंदन किया और कुछ ही महीने बाद उनकी भी कुर्सी खिसक गई । यही कारण हो सकता है कि मोहन यादव ने प्रभारी मंत्री होने के बाद भी इंदौर में झंडा वंदन कार्यक्रम से दूरी बनाई और जवाबदारी कैलाश विजयवर्गीय को दे दी।
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