Union Budget 2024: केंद्रीय बजट में मध्य प्रदेश को क्या मिला और कहां उम्मीद रह गई अधूरी?

Union Budget 2024: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला केंद्रीय बजट (Union Budget) पेश किया। इस बजट से मध्य प्रदेश वासियों को और मध्य प्रदेश की सरकार को काफी उम्मीदें थी...
union budget 2024  केंद्रीय बजट में मध्य प्रदेश को क्या मिला और कहां उम्मीद रह गई अधूरी

Union Budget 2024: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला केंद्रीय बजट (Union Budget) पेश किया। इस बजट से मध्य प्रदेश वासियों को और मध्य प्रदेश की सरकार को काफी उम्मीदें थी कि प्रदेश को एकल कुछ मिलेगा। प्रदेश को उम्मीद थी कि उसे सिंहस्थ महाकुंभ, बुजुर्ग पेंशन व चीजों को लेकर कुछ ना कुछ प्रथक बजट दिया जाएगा। हालांकि, हैरानी की बात यह रही कि बजट भाषण में एक भी बार मध्य प्रदेश का नाम तक नहीं आया। आइए इस खबर के बारे में अधिक जानते हैं।

मध्य प्रदेश सरकार की क्या थी बजट में मांग?

वर्ष 2028 में महाकाल की नगरी उज्जैन में सिंहस्थ महाकुंभ होना है। उसकी व्यवस्थाओं के लिए इसी वित्तीय वर्ष में 20,000 करोड रुपए की मदद केंद्र से मांगी गई थी, जो कि बजट में नहीं दी गई है। उज्जैन में होने वाला महाकुंभ एक वैश्विक आयोजन है जिसमें 2028 में 14 करोड लोगों के जुटने की संभावना है। जहां 2016 के उज्जैन सिंहस्थ में करीब 7 करोड लोग जुटे थे। अब यह 20,000 करोड रुपए का भार शायद मध्य प्रदेश की सरकार पर ही आएगा।

राज्य सरकार पर कई भार

इसके बाद बुजुर्ग पेंशन, विधवा पेंशन और दिव्यांग पेंशन के 858 करोड रुपए का भार राज्य सरकार पर ही है। केंद्र से 300 रुपए महीने पेंशन के मिल रहे हैं, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार की मांग थी कि केंद्र की जो राशि है उसे थोड़ा सा बढ़ाया जाए जो कि बजट में नहीं हुआ। आयुष्मान भारत योजना पर प्रति परिवार सालाना खर्च 1,950 रुपए है जबकि केंद्र से 1,052 रुपए सर्वाधिक मिलते हैं। यानी कि करीब 900 रुपए राज्य सरकार खर्च करती है और योजना केंद्र की है।

अब इसके आधार पर मोहन यादव सरकार की मांग थी कि केंद्र 60 फीसदी पैसा दे जबकि अभी राज्य सरकार पर 70 फीसदी भार है। अब नवंबर 2023 की जीएसटी सेटलमेंट की राशि 1,878 करोड रुपए होनी थी, लेकिन 1,461 करोड रुपए मिले हैं। सरकार की मांग है कि 417 करोड रुपए दिए जाएं, लेकिन वह भी बजट में नहीं हुआ।

बजट में मध्य प्रदेश को क्या मिला?

बजट में महिलाओं के लिए, युवाओं के लिए, बेरोजगारों के लिए, बुजुर्गों के लिए केंद्रीय तौर पर जो भी घोषणा की गई हैं उसका लाभ मध्य प्रदेश को तो मिलेगा ही लेकिन उम्मीद यह थी कि मध्य प्रदेश को एकल तौर पर कुछ दिया जाएगा। अब मध्य प्रदेश को जो मिला है उसमें इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए करीब 10,000 करोड रुपए मिले हैं। इन पैसों से इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर और सागर में रिंग रोड बनाए जाएंगे।

सीएम ने बजट को बताया विकसित

एक खास डेवलपमेंट उज्जैन में होगा जो की रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक रोप वे बनाने की घोषणा की गई है। इस प्रोजेक्ट में 100 करोड रुपए का खर्च आएगा जिसमें 50 करोड रुपए केंद्र की ओर से दिए गए हैं और 50 करोड रुपए राज्य सरकार की ओर से खर्च होंगे। इस रोप वे से श्रद्धालु सिर्फ 7 मिनट में रेलवे स्टेशन से मंदिर तक पहुंच जाएंगे। हालांकि, बजट पर मुख्यमंत्री मोहन यादव का कहना है कि यह बजट विकसित भारत का आधार है और इससे मध्य प्रदेश नहीं बल्कि पूरे देश का विकास होगा।

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