Water Crisis For Tribals: बूंद-बूंद के लिए तरस रहे बैगा आदिवासी के लोग, नाले के पानी से बुझाई जा रही प्यास
Water Crisis For Tribals: शहडोल। राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र माने जाने वाले आदिवासी बैगाओं के लिए सरकार कई तरह की योजनाएं चला रही है। इसके बाद भी शहडोल जिले के रहने वाले आदिवासी बैगा समाज के लोग दशकों से अपनी प्यास बुझाने के लिए नाले का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। आदिवासियों ने कठिन परिश्रम के बाद एक गड्ढा खोदा, जिसके झिरिया का पानी लोगों की प्यास बुझा रहा है। सरकार की नल जल योजना के तहत हर घर नल से जल पहुंचने की इस योजना को आइना दिखाती यह तस्वीर आदिवासी बाहुल्य शहडोल जिले के जनपद पंचायत सोहागपुर के ग्राम पंचायत खन्नाथ अंतर्गत सेमरिया टोला की है।
पानी की कमी से जूझ रहा गांव
आदिवासी बाहुल्य शहडोल जिले के जनपद पंचायत सोहागपुर के ग्राम पंचायत खन्नाथ अंतर्गत सेमरिया टोला के रहने 15-20 घरों में बैगा जनजाति के लोग रहते हैं। सरकार के द्वारा चलाई जा रही हर घर नल से जल योजना का लाभ खन्नाथ गांव के बैगा परिवार को नहीं मिल पा रहा है। यहां पर बैगा आदिवासी परिवार को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। खन्नाथ गांव में हालात ज्यादा खराब हैं। मामला जिले के अधिकारियों तक पहुंचा लेकिन सालों गुजर गए फिर भी उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।
पाइप लाइन में सप्लाई नहीं
गांव में पेय जल की सुविधा मुहैया नहीं कराई गई। एक भी हैंड पंप बस्ती में नहीं है। कुछ समय पहले नल-जल योजना के तहत विशाल टंकी का निर्माण कराया गया लेकिन अभी तक उसमें से पानी की सप्लाई चालू नहीं हुई। इसके चलते कई दशकों से बैगा समाज के लोग नाले का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। गंदा पानी पीने से लोग बीमार पड़ रहे हैं। एक बात और गौर करने वाली यह है कि स्थानीय नेताओं ने यहां का हाल-चाल क्यों नहीं जाना। गांव वालों को अभी भी पानी की समुचित व्यवस्था का बेसब्री से इंतजार है।
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