12 Accused Of Digital Arrest: स्टेट साइबर सेल और एसटीएफ को मिली बड़ी कामयाबी, डिजिटल अरेस्ट गिरोह के 12 आरोपी गिरफ्तार

12 Accused Of Digital Arrest: जबलपुर। स्टेट साइबर सेल और एसटीएफ ने डिजिटल अरेस्ट करने वाले एक गिरोह का भांडाफोड़ करते हुए 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की।
12 accused of digital arrest  स्टेट साइबर सेल और एसटीएफ को मिली बड़ी कामयाबी  डिजिटल अरेस्ट गिरोह के 12 आरोपी गिरफ्तार

12 Accused Of Digital Arrest: जबलपुर। स्टेट साइबर सेल और एसटीएफ ने डिजिटल अरेस्ट करने वाले एक गिरोह का भांडाफोड़ करते हुए 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है। समूचे मध्य प्रदेश की 15 टीमों ने एक साथ जबलपुर, कटनी, मैहर और सतना में छापेमारी कर सायबर ठगी को अंजाम देने वाले इन आरोपियों को दबोचा।

2 करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी

जबलपुर स्टेट साइबर सेल ने गिरफ्तार सभी आरोपियों को बुधवार को कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए दो सप्ताह का पुलिस रिमांड हासिल किया। स्टेट सायबर सेल और एसटीएफ से जुड़े अफसरों की माने तो प्रारंभिक जांच में करीब 2 करोड़ रूपए से ज्यादा की ठगी इन सायबर ठगों द्वारा की गई। हालांकि, रिमांड अवधि में पूछताछ में आरोपियों की संख्या बढने के साथ-साथ डिजिटल अरेस्ट के जरिए कई करोड़ की जालसाजी उजागर होने की संभावना है। दोनों ही जांच टीमें इन ठगों पर शिंकजा कसने के लिए बीते एक माह से लगी हुई थीं।

कटनी, जबलपुर, सतना से हुई जालसाजों की गिरफ्तारी

एसटीएफ निरीक्षक नीलेश ने बताया कि 12 आरोपियों को जबलपुर के अलावा कटनी और सतना से गिरफ्तार किया गया। ये डिजीटल अरेस्ट कर लोगों से लाखों रूपए ऐठने वाले आरोपी हैं। स्टेट सायबर और एसटीएफ के शिकंजे में आए आरोपी इतने सारे थे कि पुलिस की टीम इन सभी को रस्सी से बांधकर कोर्ट रूम लेकर पहुंची थी। इन आरोपियों की संख्या अभी और भी बढ़ सकती है। क्योंकि, पूछताछ एवं जांच में इनके गैंग के और भी सदस्य होने की सूचना मिली है। जल्द ही उन लोगों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

ये लोग होते थे टारगेट

स्टेट साइबर सेल के अधिकारियों का कहना है कि उनके पास बीते कुछ माह से लगातार शिकायतें मिल रही थी। मध्य प्रदेश में एक ऐसा गिरोह संचालित हो रहा है, जिसमें कि उच्च शिक्षित युवा अच्छी कम्युनिकेशन स्किल के साथ फोन पर ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। इनकी आवाज बहुत ही रौबदार और तेज तर्रार अफसरों की भाषा शैली की तरह है। इससे ये लोग फोन करने के बाद खुद को क्राइम ब्रांच सहित अन्य यूनिट के बड़े पुलिस अधिकारी बताकर शिकार को धमकी देते थे,। फिर डिजिटल अरेस्ट कर लाखों-करोड़ों रुपए ऐंठ लेने में मास्टर हैं। प्रारंभिक जॉच में आरोपियों ने पूछताछ में इस बात का जरूर खुलासा किया कि ये खास तौर पर नौकरी से रिटायर्ड व्यक्तियों, बुजुर्ग दम्पित्त, मजदूर, और कम पढ़े-लिखे लोगों को अपना टारगेट बनाते थे। क्योंकि, ये फोन पर धकमाने में डरने के साथ-साथ इनसे रूपए ऐंठना आसान होता है।

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