Cervical Cancer News: रिसर्च मे आए चौंकाने वाले तथ्य, महिलाओं को तेजी से शिकार बना रहा सर्वाइकल कैंसर!
Cervical Cancer News: ग्वालियर। महिलाओं में बच्चेदानी के मुख का यानी सर्वाइकल कैंसर का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। ग्वालियर के कैंसर विशेषज्ञ द्वारा एक शोध के लिए संग्रह किए डाटा के विश्लेषण में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया। जयारोग्य चिकित्सालय के कैंसर विभाग और कैंसर हॉस्पिटल एवं शोध संस्थान मे 3 साल में बच्चेदानी के मुख की कैंसर से पीड़ित 1102 महिलाएं अस्पताल में आईं। इनमें से सबसे अधिक 798 महिलाएं कैंसर हॉस्पिटल में पहुंची।
जेएएच और कैंसर शोध संस्थान में आए मरीज
अगर आंकड़ों की बात की जाए तो साल 2022 में 404 मामले सामने आए। साल 2023 में 442 मरीज सामने आए। वहीं, साल 2024 में 256 पेशेंट को देखा गया। देश में हर 8 मिनट में सर्वाइकल कैंसर से एक महिला की मृत्यु होती है। इससे बचाव के लिए 21 वर्ष से अधिक उम्र की महिला को वीआईए जांच कराना चाहिए। ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) की रोकथाम के लिए वैक्सीन है। एचपीवी वैक्सीन 9 से लेकर 45 साल की उम्र तक लगाई जा सकती है। देश में भी वैक्सीन बन गई है।
कई राज्यों में फ्री में लग रही वैक्सीन
कुछ राज्यों में ये वैक्सीन फ्री लगाई जा रही है। मप्र सरकार को भी इस बीमारी खत्म करने के लिए निःशुल्क वैक्सीन लगाने के लिए प्रोग्राम बनाना चाहिए। यह एक वायरस के कारण होता हैं, जिसे हम ह्यूमन पेपीलोमा बोलते हैं। यह शारीरिक सम्बन्ध बनाते समय इंजस्ट होता हैं। इसको सावधानी से रोका जा सकता है। इसको लेकर शोध कर रही कैंसर हॉस्पिटल ग्वालियर की मेडिकल अंकोलॉजिस्ट डॉ. गुंजन श्रीवास्तव का कहना हैं कि इस समय महिलाओं मे कैसर भयावह ढंग से फ़ैल रहा है।
हर साल दस लाख बच्चे इसलिए अनाथ हो रहे हैं क्योंकि उनकी मां की कैसर से मृत्यु हो जाती है। यह तथ्य भी चौकाने वाला हैं कि जहां विश्वभर मे ब्रेस्ट कैंसर सबसे ज्यादा पाया जाता हैं और दूसरे नंबर पर लंग्स कैंसर होता हैं। लेकिन, हमारे यहाँ सर्वाईकल कैंसर दूसरे नंबर पर हैं, जो सबसे बड़ी चिंता की बात हैं।
जागरुकता के अभाव में मौत
डॉक्टर श्रीवास्तव का कहना है कि दुनियाभर मे इस बीमारी का फैलाव कम है। क्योंकि, वहां इसे तत्काल पकड़ लिया जाता है। इलाज करके इस पर नियंत्रण हो जाता है। लेकिन, हमारे यहां जागरूकता के अभाव मे यह मौत की वजह बन रहा है। ग्वालियर अंचल मे ही लगभग हर रोज एक महिला इस बीमारी का शिकार हुई हैं। तीन साल में 1200 महिलाएं इस बीमारी का शिकार होकर पहुंची। इनमे से सिर्फ एक तिहाई ही ऐसी थी जो अरली स्टेज मे अस्पताल पहुंची। ज्यादातर महिलाएं अपनी अंदरूनी समस्याओं को लम्बे समय तक नजरअंदाज कर देती हैं।
डॉ. गुंजन श्रीवास्तव ने बताया कि इसके लिए एक सरल टेस्ट है, जो कि एक स्क्रीनिंग टेस्ट हैं। यानी जब महिला को कोई भी तकलीफ नहीं हो रही है, तब भी 25 साल की उम्र के बाद पेप्सीलियर का टेस्ट करवाएं। इसमें बच्चा दानी के लेयर से एक टिसु लिया जाता है। इसमे न कोई इंजेक्शन लगता है न कोई दर्द होता है। इससे यह बीमारी शुरू में ही पकड़ आ जाती है।
वैक्सीन से बच सकती है जान
डॉक्टर गुंजन बताती है कि इस बीमारी से जुडी एक अच्छी खबर ये है कि इस बीमारी को रोकने के लिए वैक्सीन उपलब्ध है। पहले यह बहुत मंहगी थी लेकिन अब इसका देश मे ही निर्माण शुरू होने से इसकी कीमत सिर्फ 1400 रूपये रह गई है। 9 से 12 साल की उम्र में सिर्फ इसके दो डोज लगाने से इस बीमारी पर 90 फीसदी तक नियंत्रण किया जा सकता है। हालांकि, अनेक देशों मे यह महिलाओं को निशुल्क उपलब्ध कराई जाती है। यही वजह है कि भारत मे भी इसे निशुल्क उपलब्ध कराने के लिए मांग हो रही है।
ग्वालियर मे महिलाओं के लिए सामाजिक काम करने वाली श्रीमती जाह्नवी रोहिरा भारत सरकार से मांग करती है कि इसे मुफ्त किया जाए। क्योंकि, गरीब महिलाएं इसकी कॉस्ट वहन नहीं कर सकतीं हैं। कुछ राज्यों मे सरकार इसे निशुल्क उपलब्ध करा रही है लेकिन इसे देशभर मे फ्री टीकाकरण अभियान से जोड़ा जाना चाहिए। इससे देश की आधी आबादी स्वस्थ्य और कैंसर से सुरक्षित रह सके।
यह होते हैं इसके लक्षण
- पेट के निचले हिस्से में दर्द बने रहना,
-प्राइवेट पार्ट से डिस्चार्ज,
- बिना पीरियड्स के भी ब्लीडिंग होना
- यूरिन पास करने में परेशानी और जलन महसूस होना
- पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग
बीमारी से जुड़े कुछ केस
केस 1 में मुरार की रहने वाली 50 साल की महिला को संबंध बनाते समय पानी के साथ खून आता था। पहले उन्होंने इसे नजरंदाज किया लेकिन जब कमजोरी आने लगी तब वह दिखाने पहुंची। जांच में पता चला कि उन्हें तीसरी स्टेज का सर्वाइकल कैंसर है।
केस 2- शहर में ही रहने वाली 40 साल को महिला को असमय ब्लीडिंग होती थी। इसके चलते उन्हें कमजोरी महसूस होने लगी थी। ऐसा कुछ माह तक चलता रहा। एक बार जब ज्यादा ब्लीडिंग हुई तो उन्होंने डॉक्टर को दिखाकर जांच कराई तो सर्वाइकल कैंसर होने की पुष्टि हुई।
(ग्वालियर से सुयश शर्मा की रिपोर्ट)
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