NEET-UG Case Hearing: नीट-यूजी विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, IIT दिल्ली को कमेटी गठित करने का आदेश
NEET-UG Case Hearing: नीट-यूजी (NEET-UG) पेपर में धांधली को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई चल रही है। इस मामले में पिछली सुनवाई 18 जुलाई को हुई थी। तब कोर्ट ने काफी कड़े शब्दों में केंद्र सरकार (Central Government) और नेशनल परीक्षण एजेंसी (National Testing Agency) से तीखे सवाल किए थे।
देश की शीर्ष अदालत इस मामले में 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) कर रहे हैं। आइए इस खबर के बारे में और अधिक जानते हैं।
आईआईटी दिल्ली को कमेटी गठित करने का आदेश
शीर्ष अदालत ने आईआईटी दिल्ली को मंगलवार तक के लिए एक कमेटी गठित करने का आदेश दिया है। कमेटी को दोपहर 12 बजे तक की समयसीमा भी निर्धारित की गई है। इसके अलावा इस मामले में सुनवाई मंगलवार को भी जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट मामले में मंगलवार को इस मामले में केंद्र सरकार की दलील को भी सुनेगा।
9 साल पुराने केस का हुआ जिक्र
कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने एक 9 साल पुराने केस का जिक्र पर दलील दी। वकील ने 2015 में तन्वी सरवाल फैसले का हवाला देते कहा कि उस समय 44 छात्रों के परीक्षा परिणाम संदिग्ध पाए जाने पर ऑल इंडिया प्री-मेडिकल परीक्षा के रद्द कर दिया गया था। वकील ने उस मामले का फैसला कोर्ट में पढ़कर सुनाया।
कमियों को दूर करेंगे - सीजेआई
इस मामले में बहस के दौरान सीजेआई ने कहा कि अगर सिस्टम में कहीं कमी है तो उसे दूर किया जाएगा। कोर्ट ने परीक्षा स्थगित करने वाले छात्रों के वकील से कहा कि आप कैसे कह सकते हैं कि पूरे देश में पेपर लीक हुआ? वकील ने कहा कि एनटीए की परीक्षा प्रणाली काफी कमजोर है कि इससे लगातार समझौता किया जा रहा है।
एनटीए ने बैंकों को बताया दोषी
एनटीए ने इस मामले में पल्ला झाड़ते हुए सारा ठिकरा बैंकों पर फोड़ दिया है। एनटीए के वकील ने कोर्ट के सामने दलील दी कि यह समन्वयक और बैंक दोनों की गलती थी। आठ केंद्रों पर कैनरा बैंक पेपर की गलत पुस्तिका बांटी गई थी।
एनटीए के वकील ने कहा कि झज्जर के हरदयाल स्कूल के प्रिंसिपल ने कैनरा और एसबीआई दोनों बैंकों से पेपर लिए थे। इसी स्कूल से 8 छात्र टॉपर बने थे, 6 को 720 में से पूरे 720 नंबर मिले थे। एक को 718 और और एक को 719 नंबर मिले थे। एक ही सेंटर से इतने टॉपर निकलने पर शक गहरा गया था।
सीबीआई ने 3 और लोगों को किया गिरफ्तार
सुनवाई के दौरान ही एक बड़ी खबर आ रही है। नीट पेपर लीग मामले में सीबीआई ने 3 और लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों में गिरोह का प्रमुख शशि कांत पासवान भी शामिल है। पासवान हजारी बाग से पेपर चोरी करने का आरोपी है। गिरफ्तार आरोपियों में दो सॉल्वर भी शामिल हैं। दोनों ही आरोपी भरतपुर के राजस्थान के रहने वाले हैं। दोनों ही एमबीबीएस के छात्र हैं, एक प्रथम वर्ष का है और दूसरा दूसरे वर्ष का छात्र है।
कोर्ट ने आरोपियों के बयानों को पढ़ा
सोमवार को सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस ने नीट के आरोपियों के बयानों की विस्तृत जानकारी मांगी। ये वो बयान हैं जो बिहार पुलिस ने पटना एम्स से गिरफ्तार किए गए आरोपियों के लिए थे। कोर्ट ने ध्यान से आरोपियों के बयानों को पढ़ा और उसके बाद कहा कि पेपर लीक व्यापक पैमाने पर हुआ था इस बात का कोई सबूत अब तक नहीं मिला है। इस बीच एसजी ने कोर्ट से यह गुजारिश की कि बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई की रिपोर्ट को भी पढ़ा जाना चाहिए।
क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि 5 मई, 2024 को नीट परीक्षा आयोजित की गई थी। देशभर के 571 शहरों और कुल 4,750 परीक्षा केंद्रों पर यह परीक्षा आयोजित हुई थी। इस परीक्षा में 24 लाख विद्यार्थियों ने भाग लिया था। 11 जून, 2024 को नीट परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई।
याचिका में नीट-यूजी 2024 परिणाम को वापस लेने और दोबारा परीक्षा आयोजित कराने की मांग की गई थी। याचिका में यह भी उल्लेख किया गया था कि नीट परीक्षा परिणामों में मनमाने तरीके से ग्रेस मार्क दिए गए। इसी कारण से 67 विद्यार्थियों को पूरे में से अंक (720 में से 720) मिल गए। इससे एक बड़ी धांधली उजागर होती है।
यह भी पढ़ें:
Sawan Somwar 2024: MP का ऐसा गांव जहां हर एक पत्थर में है शिव का वास, गली-गली में शिवलिंग का निर्माण