Asaram Out On Bail: आसाराम को स्वास्थ्य कारणों से मिली अंतरिम जमानत, 31 मार्च तक जेल से रहेगा बाहर

Asaram Out On Bail: राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने जोधपुर यौन उत्पीड़न मामले में आसाराम को अंतरिम जमानत दी है। अदालत के फैसले के बाद 14 जनवरी की रात को आसाराम को निजी आयुर्वेद अस्पताल से रिहा किया गया। अब...
asaram out on bail  आसाराम को स्वास्थ्य कारणों से मिली अंतरिम जमानत  31 मार्च तक जेल से रहेगा बाहर

Asaram Out On Bail: राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने जोधपुर यौन उत्पीड़न मामले में आसाराम को अंतरिम जमानत दी है। अदालत के फैसले के बाद 14 जनवरी की रात को आसाराम को निजी आयुर्वेद अस्पताल से रिहा किया गया। अब वह 31 मार्च तक जेल से बाहर रहेगा। जमानत के लिए अदालत में उसके खराब स्वास्थ्य को आधार बनाया गया था। रिहाई की सूचना मिलते ही अस्पताल के बाहर बड़ी संख्या में उनके समर्थक और अनुयायी जमा हो गए।

आसाराम के खिलाफ गुजरात के गांधीनगर और राजस्थान के जोधपुर में बलात्कार के मामले दर्ज हैं, जिनमें उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। लेकिन 7 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम की उम्र और स्वाथ्य को देखते हुए जमानत देने का फैसला लिया। इसे आधार मानते हुए 14 जनवरी को जोधपुर मामले में भी आसाराम को अंतरिम जमानत मिल गई। बता दें कि आसाराम 11 साल 4 महीने और 12 दिन जेल में बिता चुका है। अब अदालत ने उन्हें 75 दिनों की अस्थायी राहत प्रदान की है।

स्वास्थ्य के हवाले से मिली जमानत

आसाराम के वकील निशांत बोड़ा ने बताया कि उनकी ओर से जस्टिस दिनेश मेहता और विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ में एक एसओएस याचिका दायर की गई थी। वकीलों की टीम में आर.एस. सलूजा, निशांत बोड़ा, यशपाल सिंह राजपुरोहित और भारत सैनी शामिल थे। याचिका में सुप्रीम कोर्ट द्वारा 7 जनवरी को गुजरात मामले में दी गई जमानत का हवाला दिया गया और आसाराम के इलाज की गुहार लगाई गई। अदालत ने उनकी उम्र और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उन्हें 31 मार्च तक अंतरिम जमानत की मंजूरी दी। इस अवधि में वह देश के किसी भी आश्रम में रह सकते हैं और वहां या अस्पताल में इलाज करा सकते हैं।

पीड़िता का परिवार डर में

आसाराम को मिली जमानत के बाद पीड़िता का परिवार भयभीत है। पीड़िता के पिता ने इस निर्णय पर नाराजगी जताते हुए कहा कि आसाराम को वीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया है और यह न्यायिक व्यवस्था के प्रति उनकी आस्था को हिलाने वाला है। उन्होंने आरोप लगाया कि आसाराम जेल से बाहर आकर उनके खिलाफ साजिश रच सकता है और अपने समर्थकों को हिंसा के लिए उकसा सकता है।

पीड़िता के पिता ने न्याय व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा, “अगर बीमारियों का हवाला देकर जमानत दी जा रही है, तो जेल में अन्य बीमार कैदियों को भी जमानत मिलनी चाहिए। हमारा आग्रह है कि आसाराम का इलाज जेल में ही कराया जाए। उसे बाहर रहने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।”

आसाराम की अंतरिम जमानत के इस फैसले से न्यायिक प्रणाली और समाज में अपराधियों के प्रति बढ़ती सहानुभूति पर बहस छिड़ गई है। अदालत ने साफ किया है कि यह जमानत केवल 31 मार्च तक के लिए है, जिसके बाद अदालत में आगे की सुनवाई होगी।

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