Bageshwar Dham News: बालाजी की पूजा के साथ पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की पैदल यात्रा शुरू, मस्जिदों पर दे दिया बड़ा बयान
Bageshwar Dham News: छतरपुर। बागेश्वर धाम सिद्ध पीठ से रामराजा सरकार की नगरी ओरछा के लिए बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पदयात्रा शुरू हो गई। यात्रा शुरू करने के पहले उन्होंने सुबह भगवान बागेश्वर महादेव और बालाजी की पूजा अर्चना की। आरती करने के बाद उन्होंने राष्ट्रध्वज फहराकर राष्ट्रगान गाया। इसके बाद महाराज के आह्वान पर हजारों लोगों ने एक साथ हनुमान चालीसा का पाठ किया। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत करीब 11 उनकी पैदल यात्रा शुरू हो गई।
#Chhatarpur : हिंदुओं को जोड़ने के लिए 29 नवंबर तक पदयात्रा पर निकले बागेश्वर बाबा धीरेंद्र शास्त्री
हिंदुओं को जोड़ने के लिए बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सनातन हिंदू एकता पदयात्रा की शुरुआत हो गई है। धीरेंद्र शास्त्री ने भगवा ध्वजारोहण, हनुमान… pic.twitter.com/80pDTAKCqq
— MP First (@MPfirstofficial) November 21, 2024
सभी सनातनियों को जोड़ने के लिए शुरू की यात्रा
बागेश्वर धाम से पैदल यात्रा शुरू करने के दौरान पीठाधीश्वर महाराज श्री ने लोगों से कहा कि वह शालीनता के साथ पदयात्रा में चलें। एक-दूसरे का ख्याल रखें। यह एकता यात्रा सभी सनातनियों को जोड़ने के लिए शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि जब तक सभी सनातनियों को एक माला में नहीं पिरोया जाता तब तक उनकी कोशिश जारी रहेगी। अखंड भारत हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए उन्होंने सभी सनातनी प्रेमियों का सहयोग मांगा। उनके साथ गोपाल मणि जी महाराज, संजीव कृष्ण शास्त्री जी, सुतीक्ष्ण देवाचार्य जी महाराज महाराज सुदामा कुटी, दीपक गोसाई जी भी पद यात्रा में शामिल हो रहे हैं।
मस्जिदों पर दिया बड़ा बयान
पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री (Bageshwar Dham News) ने कहा कि मंदिरों और मस्जिदों में भी राष्ट्रगीत गाया जाना चाहिए ताकि यह पता चल सके कि इस मातृभूमि से किसे प्रेम है और कौन नफरत करता है। उन्होंने कहा कि सभी मंदिरों में आरती के बाद राष्ट्रगीत गाया जाना चाहिए, यह एक बहुत ही बढ़िया और अभिनव होगा। इसी तरह मस्जिदों में भी ऐसा ही किया जाना चाहिए। इससे स्पष्ट हो जाएगा कि कौन देशभक्त है और कौन देशद्रोही।
आदिवासियों के धर्मांतरण को रोकने की बताई जरूरत
बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेन्द्र शास्त्री (Bageshwar Dham News) ने कहा कि धर्मांतरण एक बहुत बड़ा मुद्दा है। आदिवासी शहरों में हम तक नहीं आ पाते और हम उन तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में हमें उनके बीच जाना चाहिए, उन्हें मंच पर बुलाना चाहिए ताकि वे हमसे जुड़े। धार्मिक नेताओं, संतों और आचार्यों को उन आदिवासियों के पास जाना होगा जो हिंदू धर्म छोड़ने वाले हैं। इसी एक तरीके से हम धर्मांतरण रोक सकते हैं।
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