Delhi Vidhansabha Chunav: AI फोटो, वीडियो को लेकर चुनाव आयोग ने जारी की गाइडलाइन, पार्टियों को देना होगा डिस्क्लेमर
Delhi Vidhansabha Chunav: दिल्ली विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने के लिए पार्टियां हरसंभव प्रयास कर रही हैं। अब पार्टियां अपने प्रचार-प्रसार के लिए पारंपरिक तरीकों के साथ ही आधुनिक तकनीक का भी प्रयोग कर रहे हैं जिनमें सोशल मीडिया मार्केटिंग और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) भी शामिल हैं। चुनाव प्रचार के दौरान एआई तकनीक के दुरुपयोग को रोकने के लिए चुनाव आयोग ने नई इडवाइजरी जारी की है। गुरुवार को एडवाइजरी जारी करते हुए चुनाव आयोग ने एआई जनरेटेड कंटेंट के उपयोग में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की बात की है।
क्या है चुनाव आयोग द्वारा जारी एडवाइजरी
चुनाव आयोग द्वारा जारी की गई एडवाइजरी में लेबलिंग और डिस्क्लोजर गाइडलाइन जारी की गई है। इसके तहत सभी पार्टियों को ऐसे किसी भी कंटेंट जो एआई से बनाया गया है पर 'AI - जनरेटेड' / 'डिजिटल एनहैंस्ड' / 'सिंथेटिक कंटेंट' जैसे लेबल लगाकर बताना अनिवार्य होगा। साथ ही चुनाव (Delhi Vidhansabha Chunav) प्रचार में इस तरह के कंटेंट का प्रयोग करने पर पार्टियों को डिस्क्लेमर का भी उपयोग करना होगा जिसमें स्पष्ट तौर पर बताना होगा कि यह कंटेंट एआई जनरेटेट है।
दुनिया भर के एक्सपर्ट्स ने जताई डीप फेक और एआई के दुरुपयोग की आशंका
चुनाव (Delhi Vidhansabha Chunav) प्रचार में बढ़ते तकनीक के प्रयोग को देखते हुए दुनिया भर के विशेषज्ञों ने एआई और डीप फेक को लेकर आशंकाएं व्यक्त की थी। उनका कहना था कि डीप फेक और एआई जनरेटेड कंटेंट के जरिए फेक न्यूज को तेजी से वायरल कराया जा सकता है और जनता के बड़े हिस्से को भ्रमित कर गलत दिशा में मोड़ा जा सकता है।
अवध ओझा का फेक वीडियो हुआ वायरल तो बढ़ी चिंता
उल्लेखनीय है कि बुधवार को सोशल मीडिया पर आप नेता अवध ओझा का एक वीडियो वायरल हो रहा था जिसमें वह अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ बातें कर रहे थे। फैक्ट चेक में पता चला कि यह वीडियो एडिटेड था जिसमें अलग-अलग वीडियोज के छोटे-छोटे पार्ट्स को सलेक्टिवली जोड़ा गया था और मिसयूज किया गया था।
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