National Flag Facts: पूरे भारत में सिर्फ तीन जगह बनता है ‘तिरंगा’, ग्वालियर से होता है 20 राज्यों में सप्लाई

हमारे देश की आन-बान-शान तिरंगा जब लहराता है तो हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि ये तिरंगा झंडे कहां और कैसे बनाए जाते हैं।
national flag facts  पूरे भारत में सिर्फ तीन जगह बनता है ‘तिरंगा’  ग्वालियर से होता है 20 राज्यों में सप्लाई

National Flag Facts: ग्वालियर। हमारे देश की आन-बान-शान तिरंगा जब लहराता है तो हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि ये तिरंगा झंडे कहां और कैसे बनाए जाते हैं। हम आपको बता दें कि उत्तर भारत में ग्वालियर एकमात्र ऐसी जगह है जहां राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण होता है। यहां तैयार होने वाले राष्ट्रीय ध्वज देश के कोने-कोने तक जाते हैं और संसद, लाल किला, दूतावास जैसी इमारतों पर लहराते हैं। अबकी बार गणतंत्र दिवस के मौके पर देशभर के कोने-कोने से लगभग 20 हजार राष्ट्रीय ध्वज बनाने के आर्डर आए हुए हैं जिनमें से लगभग 80 लाख रुपए के राष्ट्रीय ध्वज भेजे भी जा चुके हैं

झंडे के लिए कपड़ा काटने से लेकर तैयार कर टेस्टिंग तक का सारा काम करती हैं महिलाएं

ग्वालियर में हमारे राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण करने वाली संस्था मध्य भारत खादी संघ है। यह उत्तर भारत की पहली संस्था है जहां पिछले कई सालों से राष्ट्रीय ध्वज तैयार किए जा रहे हैं। गणतंत्र दिवस के लिए संस्था में तैयार हो रहे राष्ट्रीय ध्वज देश के अलग-अलग कोनों में पहुंचते हैं। देश के हर राज्य में ग्वालियर की मध्य भारत खादी संघ में तैयार होने वाला राष्ट्रीय ध्वज पहुंचता है और यहां के बने तिरंगे सरकारी, गैर सरकारी इमारतों पर शान से लहराए जाते हैं। सबसे अधिक गौरव की बात यह है कि यहां से बने झंडे देश के 20 राज्यों में जाते हैं। सबसे खास बात यह है कि देश की यह इकलौती ऐसी संस्था है जहां पर 90 फीसदी महिला कर्मचारी राष्ट्रीय ध्वज (National Flag Facts) का निर्माण कर रही हैं। यहां पर कपड़ा काटने से लेकर उनको तैयार करने और उनकी टेस्टिंग तक का सारा कार्य महिलाएं ही करती हैं।

ऐसे तैयार होता है हमारा गौरव और हमारी शान हमारा तिरंगा

आपको बता दें कि पूरे देश भर में हमारे राष्ट्रीय ध्वज तीन जगह तैयार होते हैं जिसमें कर्नाटक में हुबली, महाराष्ट्र में मुंबई और मध्य प्रदेश के ग्वालियर शामिल हैं। मध्य भारत खादी संघ की राष्ट्रीय ध्वज निर्माता इकाई की मैनेजर नीलू का कहना है कि यहां पर अलग-अलग साइज के राष्ट्रीय ध्वज तैयार किए जाते हैं, विशेषकर यहां 2 वाई 3, 3 वाई 4.50 और 4 वाई 6 के राष्ट्रीय ध्वज तैयार होते हैं। हमारे राष्ट्रीय ध्वज (National Flag Facts) को तैयार करने के लिए लगभग 20 टेस्टिंग से होकर गुजरना पड़ता है और तय मानकों का विशेष ख्याल रखा जाता है। जिसमें कपड़े की क्वालिटी, चक्र का साइज, रंग जैसे मानक शामिल हैं। किसी भी आकार के तिरंगे को तैयार करने में उनकी टीम को 5 से 6 दिन का समय लगता है। जांच के बाद ही हमारा राष्ट्रीय ध्वज पूरी तरह तैयार होकर बाहर निकलता है।

ग्वालियर में बने झंडे देश के 20 राज्यों में जाते हैं

वही मध्य भारत खादी संघ के मंत्री रमाकांत शर्मा का कहना हैं कि केंद्र की स्थापना सन 1925 में चरखा संघ के तौर पर हुई थी। साल 1956 में मध्य भारत खादी संघ को आयोग का दर्जा मिला। इस संस्था से मध्य भारत की कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियां भी जुड़ी हैं। इसके बाद सन 2016 में इस संस्था को प्रमाणित राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण करने की मान्यता प्राप्त हुई। उनका मानना है कि किसी भी खादी संघ के लिए तिरंगे (National Flag Facts) को तैयार करना बड़ी मुश्किल का काम होता है। उन्होंने बताया है कि इस बार मध्य भारत खादी संघ लगभग एक करोड़ रुपए के राष्ट्रीय ध्वज बिक्री कर देगा। ग्वालियर में बना राष्ट्रीय ध्वज देश के लगभग 20 राज्यों में जाता है जिसमें मध्य प्रदेश के अलावा छत्तीसगढ़, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, असम, कर्नाटक, जम्मू कश्मीर जैसे 20 राज्य हैं और इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए झंडों को तैयार कर भेजा जा चुका है।

(ग्वालियर से सुयश शर्मा की रिपोर्ट)

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