Kolkata Doctor Rape Murder Case: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, '30 साल में ऐसी लापरवाही नहीं देखी', डॉक्टरों से काम पर लौटने को भी कहा
Kolkata Doctor Rape Murder Case: भोपाल। कोलकाता के एआर जी अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई रेप और मर्डर की वारदात पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है। आज सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हो रही है जिसमें सीबीआई ने अपनी स्टेटस रिपोर्ट पेश की है। इसके साथ ही फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) ने भी कोर्ट से नेशनल टास्क फोर्स की सिफारिशें लागू होने तक डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाए जाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील की है।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच सुन रही है अपील
कोलकाता रेप मर्डर केस में पहले 20 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। यह सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेच ने की थी तथा आगे की तारीख दी थी। आज उसी मामले (Kolkata Doctor Rape Murder Case) पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने वकीलों की बहस सुनी। इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट के सामने कहा कि कोलकाता पुलिस का यह आरोप गलत है कि पीड़िता के पिता ने एफआईआर दर्ज नहीं कराने के लिए कहा था। उल्लेखनीय है कि रेप केस की एफआईआर लिखे जाने में देरी का कारण बताते हुए पुलिस ने कहा था कि पीड़िता के पिता पुलिस रिपोर्ट नहीं लिखाना चाहते थे।
जस्टिस पारदीवाला ने कहा, 30 साल में पहली बार ऐसी लापरवाही देखी
मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि बंगाल पुलिस का पूरा व्यवहार शर्मनाक है। हमने बीते 30 वर्षों में ऐसा केस नहीं देखा है। ये केस हैरान करने वाला है। कोर्ट ने पोस्टमार्टम के बाद एफआईआर लिखने पर भी सवाल उठाते हुए पूछा कि यदि नेचुरल डेथ थी तो फिर पोस्टमार्टम क्यों किया गया था।
CBI ने किए कई खुलासे
सुप्रीम कोर्ट में जजों के सामने रखी गई स्टेटस रिपोर्ट में सीबीआई ने कहा कि इस मामले में अस्पताल प्रशासन का रवैया निराशाजनक रहा। पीड़िता के परिजनों को घटना की सूचना देर से दी गई और उन्हें सुसाइड बताया गया। हत्या को आत्महत्या बताना ही अपने आप में संदेह पैदा करने वाला है। आरोपी की मेडिकल रिपोर्ट पर भी कोर्ट ने प्रश्न पूछे। सीबीआई ने कहा कि इस पूरे मामले में मौका-ए-वारदात से छेड़छाड़ कर केस (Kolkata Doctor Rape Murder Case) की लीपापोती करने का प्रयास किया गया है। मृतका के अंतिम संस्कार के बाद एफआईआर दर्ज की गई।
डॉक्टरों की तकलीफ पर सीजेआई ने कहा, हमें मालूम है
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि डॉक्टर लगातार 36-36 घंटे काम कर रहे हैं। उनकी सुरक्षा के भी इंतजाम नहीं हैं। उसकी व्यवस्था करवाई जाए। इस पर सीजेआई ने कहा कि हमें डॉक्टरों की तकलीफ मालूम हैं। इस संबंध में बहुत सारे ईमेल्स भी आ चुके हैं। लेकिन पहले कमेटी का फैसला आने दीजिए। निश्चित रूप से कमेटी डॉक्टरों और इंटर्न की चिंता दूर करने के लिए समाधान बताएगी।
सीजेआई ने हड़ताल कर रहे डॉक्टरों से की काम पर लौटने की अपील
कोर्ट में डॉक्टरों ने कहा कि वे प्रोटेस्ट में शामिल होने के कारण उन्हें प्रताड़ित किए जा रहे हैं। इस पर सीजेआई ने कहा कि डॉक्टरों को काम पर लौटना होगा, उनके खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं होगी। हमें मालूम है कि वे अपसेट है लेकिन लोग डॉक्टरों का इंतजार कर रहे हैं, उनकी हड़ताल से देश का हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर बिगड़ रहा है।
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